देहरादून : दून घाटी में सात दिनों से जारी प्रदूषण की स्थिति में कोई खास सुधार नहीं आया है। धुंध और धूल की मोटी परत ने पूरी वादी को घेर रखा है, जिससे नागरिकों को सांस लेने में कठिनाई हो रही है। पिछले कुछ दिनों से लगातार बढ़ते एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) ने शहरवासियों को चिंता में डाल दिया है।
इस सप्ताह की शुरुआत से ही प्रदूषण का स्तर बढ़ना शुरू हो गया था और गुरुवार को AQI 199 के आस-पास रिकॉर्ड किया गया, जो कि ‘खराब’ श्रेणी में आता है। बीते रोज़, 15 नवंबर को, यह आंकड़ा करीब 300 तक पहुंच गया था, जो बेहद खतरनाक स्तर पर था।
विशेषज्ञों का मानना है कि कूड़ा जलाने और निर्माण कार्यों से उड़ रही धूल प्रदूषण के मुख्य कारण हैं। कूड़ा जलाने की समस्या ने भी हवा को और जहरीला बना दिया है, जिससे अस्थमा और दिल के मरीजों के लिए यह समय और भी कठिन हो गया है।
हालांकि, ऋषिकेश में प्रदूषण की स्थिति थोड़ी बेहतर रही, जहां AQI का औसत स्तर 91 तक पहुंचा है, जो ‘संतोषजनक’ श्रेणी में आता है। लेकिन देहरादून के लिए राहत का कोई ठोस उपाय फिलहाल नहीं दिख रहा है।
स्वास्थ्य विभाग और पर्यावरण विशेषज्ञ लगातार निवासियों से अपील कर रहे हैं कि वे बाहरी गतिविधियों से बचें और मास्क का प्रयोग करें, खासकर सांस और दिल के मरीजों के लिए यह स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।