देहरादून – उत्तराखंड पुलिस ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। पुलिस ने बच्चों के अपहरण और उन्हें बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है। एसएसपी अजय सिंह ने जानकारी दी कि यमुना कॉलोनी निवासी एक महिला ने शिकायत दर्ज कराई थी कि उसके दो बेटे, जिनकी उम्र 5 और 2 वर्ष थी, का अपहरण कर लिया गया है। इसके बाद, कोतवाली कैंट में मामला दर्ज कर पुलिस ने बच्चों को तलाशने के लिए एक टीम गठित की और आसपास के इलाकों से पूछताछ शुरू की।
पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज की जांच के बाद पाया कि एक व्यक्ति राकेश, जो महिला के परिवार का रिश्तेदार था, बच्चों को लेकर जाता हुआ दिखाई दे रहा था। जांच में यह भी सामने आया कि 5 साल का बच्चा वापस घर लौट आया था, लेकिन 2 साल के बच्चे को राकेश ने ₹2 लाख में बिजनौर में बेच दिया था। पुलिस ने राकेश को गिरफ्तार कर लिया और उसकी पत्नी, बेटी और एक बिचौलिए को भी पकड़ा। पुलिस ने बच्चों को सुरक्षित बरामद किया।
पूछताछ में राकेश ने बताया कि वह 2004 से देहरादून में सफाई का काम कर रहा था और उसके एक साथी राहुल के जरिए उसने प्रियंका नाम की महिला से संपर्क किया, जिसने एक बच्चे की जरूरत का जिक्र किया था। राकेश ने अपनी मानसिक रूप से कमजोर बहन रीना के दो बच्चों को बेचने का फैसला लिया। 16 दिसंबर को राकेश ने रीना को बहला-फुसलाकर उसके दोनों बच्चों को लेकर धामपुर में प्रियंका और सेंटी को ₹2 लाख में बेच दिया। इसके बाद राकेश ने रीना को बिजनौर के पास छोड़ दिया।
राकेश ने पुलिस से बचने के लिए अपने बड़े बेटे आकाश को यमुना कॉलोनी में छोड़ दिया और अमरोहा में राहुल के रिश्तेदार के घर छुप गया। पूछताछ में यह भी पता चला कि राकेश और राहुल ने अपने खुद के बच्चों को भी बेचने की योजना बनाई थी, जिसकी जांच जारी है।
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