दीपावली : फिरोजाबाद के मंदिरों के महंतों ने दिवाली मनाने के लिए नया निर्णय लिया है। महंतों के अनुसार, दिवाली 31 अक्तूबर को मनाई जाएगी। अयोध्या, काशी, मथुरा के महंतों और ज्योतिषाचार्यों ने इस संबंध में एक बैठक आयोजित की, जिसमें सत्यनारायण मंदिर कृष्णापाड़ा को स्थान बनाया गया।
रात्रि व्यापिनी अमावस्या का प्रभाव
बैठक में मौजूद ज्योतिषाचार्यों ने कहा कि रात्रि व्यापिनी अमावस्या के कारण 31 अक्तूबर को दिवाली मनाना सही है। अयोध्या में पहले से ही इस तिथि पर दिवाली मनाने का निर्णय लिया जा चुका है, और इसी तरह अन्य धार्मिक स्थलों के विद्वानों ने भी इस तिथि को मान्यता दी है।
सनातन एकता को बढ़ावा
बांकेबिहारी मंदिर के महंत पंडित मुन्नालाल शास्त्री ने कहा, “जब अयोध्या, काशी, मथुरा, द्वारका और उज्जैन के विद्वानों ने 31 अक्तूबर को दिवाली मनाने का निर्णय लिया है, तो हमें भी उनका सम्मान करते हुए इसी दिन दीपोत्सव मनाना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा कि इस एक तिथि पर दिवाली मनाने से सनातन धर्म की एकता मजबूत होगी।
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