देहरादून: उत्तराखंड में साइबर ठगी और Digital arrest के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। जिसके बाद से पुलिस और एसटीएफ भी एक्शन मोड़ पर है। इसी कड़ी में देहरादून एसटीएफ के हाथ बड़ी सफलता लगी है। एसटीएफ ने देहरादून निवासी 85 वर्षीय बुजुर्ग से डिजिटल अरेस्ट के माध्यम से की साइबर ठगी के मामले में आरोपी को हरियाणा से गिरफ्तार का दिया है।
Digital arrest कर बुजुर्ग को डराकर लाखों की ठगी
दरअसल, अगस्त 2024 में देहरादून निवासी 85 वर्षीय एक बुजुर्ग ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी कि साइबर ठगों ने खुद को मुंबई पुलिस और सीबीआई का अधिकारी बताकर उनको फोन किया। जिसमें आरोपियों ने फर्जी मनी लॉन्ड्रिंग केस और गिरफ्तारी वारंट जारी होने का हवाला देकर बुजुर्ग को डराया। उसके साइबर ठगों ने केस से नाम हटाने और खातों में जमा धनराशि का वेरिफिकेशन करने के नाम पर बताए गए खातों में RTGS के माध्यम से ट्रांजैक्शन करवाए। आरोपियों ने बुजुर्ग के खाते से कुल 47 लाख रूपए ट्रांसफर करवाए।
पुलिस को चकमा देने के लिए बदलता रहा ठिकाने
जिसके बाद गठित पुलिस टीम ने मामले की छान-बीन शुरू की। पुलिस ने घटना में उपयोग किए मोबाइल नंबरों, बैंक एकाउंट्स, चैट्स और संबंधित डिजिटल माध्यमों की जानकारी के लिए बैंकों, टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स, डोमेन होस्टिंग कंपनियों और मेटा कंपनी से जानकारी ली। जिसके बाद पुलिस ने घटना को अंजाम देने वाले मास्टरमाइंड आरोपी अनमोल निवासी जिला हिसार (हरियाणा) को चिन्हित कर गिरफ्तारी के प्रयास किए। आरोपी शातिर प्रवर्ति का था वो लगातार अपने ठिकाने बदलकर पुलिस की आँखों में धूल झोंकता रहा। पुलिस ने उसके कई ठिकानों पर दबिश दी।
आरोपी को हरियाणा से किया गया गिरफ्तार
जिसके बाद न्यायालय ने आरोपी की गिरफ्तारी के लिए अरेस्ट वारेंट जारी कर दिया। इसके बाद जुलाई 2025 में एसएसपी एसटीएफ ने आरोपी के खिलाफ 15 हजार रूपए का इनाम घोषित कर शीघ्र गिरफ्तारी के निर्देश दिए। सात महीने के बाद पुलिस टीम ने आरोपी को हिसार हरियाणा से गिरफ्तार कर लिया है। एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया साइबर ठगों के खिलाफ 47 लाख रुपए की ठगी में मामला दर्ज किया गया था। जिसके बाद पुलिस ने आरोपी 20 वर्षीय अनमोल को हिसार हरियाणा से हिरासत में ले लिया है।





