उत्तराखंड में बढ़ा क्राइम का ग्राफ, तीन सालों में 11% बढ़ी औसत महिला अपराध दर

UTTARAKHAND CRIME

उत्तराखंड में लगातार क्राइम का ग्राफ बढ़ रहा है। प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों में भी तेजी आई है। हाल ही में आई एनसीआरबी (National Crime Records Bureau) की रिपोर्ट ने चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक तीन सालों में उत्तराखंड में अपराध का ग्राफ बढ़ा है।

उत्तराखंड में बढ़ा क्राइम का ग्राफ

हाल ही में एनसीआरबी 2023 की रिपोर्ट को सार्वजनिक किया गया। जिसमें महिलाओं के खिलाफ अपराध के हैरान कर देने वाले आंकड़ें सामने आए हैं। रिपोर्ट में पेश किए गए साल 2021 से 2023 तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ 11 प्रतिशत क्राइम बढ़ा है। हालांकि इसमें साल 2022 की तुलना में साल 2023 में महिला अपराधों में कुपछ कमी आई है।

तीन सालों में 11% बढ़ी औसत महिला अपराध दर

एनसीआरबी के डाटा क्राइम अगेंस्ट वूमेन के मुताबिक साल 2021 में उत्तराखंड में महिलाओं के खिलाफ 3,431 मामले दर्ज किए जबकि साल 2022 में 4,337 मामले दर्ज किए गए। वहीं बात करें 2023 की तो ये आंकड़ा 3,808 था। इन आकड़ों को देखें तो साल 2022 के मुकाबले साल 2023 में महिला अपराधों में कमी देखने को मिली है। लेकिन साल 2021 में महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराध में बढ़ोतरी देखी गई है। यानी तीन सालों 2021 से लेकर 2023 तक उत्तराखंड में महिला अपराध का ग्राफ बढ़ा है।

पड़ोसी राज्य हिमाचल में कम है महिला अपराध का ग्राफ

पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश में महिला के खिलाफ अपराध के ग्राफ की अगर बात करें तो उत्तराखंड की तुलना में वहां महिला अपराध कम है। साल 2023 में तो हिमाचल प्रदेश में उत्तराखंड के मुकाबले महिला अपराध के 50 प्रतिशत से भी कम मामले सामने आए थे। 2023 में हिमाचल में 1604 मामले दर्ज हुए थे। जबकि उत्तराखंड में 3,808 मामले सामने आए थे।

इसके साथ ही एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक 2021 से लेकर 2023 तक पूरे देश में आईपीसी की धाराओं के तहत दर्ज हुए मुकदमों की संख्या में 2.7% वृद्धि हुई है। जबकि उत्तराखंड में 8.9 प्रतिशत ज्यादा मुकदमें दर्ज हुए हैं। इस तरीके से देखें तो बीते तीन सालों में आईपीसी के मुकदमों में भी बढ़ोतरी हुई है। बता दें कि अब आईपीसी को बदलकर बीएनएस कर दिया गया है।

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