देहरादून – भाजपा, जो कि क्षेत्रवाद को लेकर अपने नेताओं की बयानबाजी से असहज हो चुकी है, अब इस पर काबू पाने की तैयारी कर रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने एक सख्त संदेश देते हुए कहा कि मंत्री और विधायक, किसी भी स्तर पर राज्य की एकता और प्रतिष्ठा पर गलत टिप्पणी को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने यह स्पष्ट किया कि पार्टी अब अपने नेताओं को संवेदनशील मुद्दों पर बयानबाजी से बचने के लिए दिशा-निर्देश जारी कर सकती है। सूत्रों के मुताबिक, राज्य में क्षेत्रवाद के मुद्दे पर लगातार बयानबाजी हो रही है, जिसका विपक्ष भी उसी अंदाज में जवाब दे रहा है।
भा.ज.पा. के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने कहा, “कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के बयान को लेकर उन्हें दिशा-निर्देश दे दिए गए हैं। राज्य में जो वातावरण कुछ लोग बना रहे हैं, वह उचित नहीं है। हमने कांग्रेस नेताओं से भी आग्रह किया है कि संवेदनशील मुद्दों पर बयानबाजी से बचें।”
भा.ज.पा. के विवादित नेताओं का व्यवहार पार्टी के लिए असहज बना है।
कैबिनेट मंत्री का विवादित बयान कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले, भाजपा को हरिद्वार में पार्टी के पूर्व विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन और निर्दलीय विधायक उमेश कुमार के बीच हुए विवाद को लेकर भी असहज स्थिति का सामना करना पड़ा था। चैंपियन जेल में हैं, लेकिन पार्टी ने अब तक उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की है।
पिछले एक साल में, भाजपा और उसकी सरकार विपक्ष के निशाने पर रही है, जिसमें सल्ट के विधायक महेश जीना का देहरादून नगर निगम विवाद, लैंसडौन विधायक दिलीप रावत का परिवहन विभाग के अधिकारी से विवाद और एक मंत्री के महकमे में भ्रष्टाचार की सीबीआई जांच जैसे मामले प्रमुख हैं।
अब संकेत मिल रहे हैं कि पार्टी नेतृत्व इन विवादों पर कड़ा रुख अख्तियार करने जा रहा है।
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