हरिद्वार – मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ओल्ड गुरूकुल कांगड़ी में आयोजित अमरहुतात्मा स्वामी श्रद्धानन्द महाराज के 99वें बलिदान दिवस पर राष्ट्रभक्त महायज्ञ में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्वामी श्रद्धानन्द के योगदान को स्मरण करते हुए कहा कि उनके संघर्ष और प्रयासों ने न केवल देश की समता को बढ़ावा दिया, बल्कि 20वीं सदी में एक वैदिक शिक्षा और स्वतंत्रता संग्राम का एक बड़ा आंदोलन खड़ा किया।
स्वामी श्रद्धानन्द के विचारों से प्रभावित होकर, हजारों लोगों ने पुनः सनातन धर्म को अपनाया। मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि स्वामी श्रद्धानन्द ने 1902 में हरिद्वार की पवित्र धरती पर गुरुकुल रूपी बीज बोया था, जो आज एक विशाल वट वृक्ष बनकर वैदिक शिक्षा का प्रकाश फैलाने का कार्य कर रहा है। यह विश्वविद्यालय केवल शिक्षा का केंद्र नहीं, बल्कि राष्ट्र निर्माण और वैदिक संस्कृति के प्रचार का मजबूत स्तंभ बन चुका है।
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश वैश्विक मंचों पर ‘एक पृथ्वी-एक परिवार’ की अवधारणा को साकार कर रहा है। कोरोना काल में भारत ने 100 से अधिक देशों को कोविड वैक्सीन उपलब्ध कराई और योग, आयुर्वेद को वैश्विक स्तर पर प्रस्तुत किया। मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार के प्रयासों का भी उल्लेख करते हुए बताया कि केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के पुनर्निर्माण कार्यों के साथ ही मानसखंड मंदिर माला मिशन पर कार्य चल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने दून विश्वविद्यालय में ‘सेंटर फॉर हिंदू स्टडीज’ की शुरुआत करने का निर्णय लिया है। इस केंद्र में हिंदू सभ्यता, संस्कृति और अन्य विषयों पर शोध कार्य किए जाएंगे। उन्होंने यह भी विश्वास जताया कि हम सभी मिलकर सनातन संस्कृति और वैदिक शिक्षा के प्रचार-प्रसार के माध्यम से भारत को पुनः विश्व गुरु बनाने में सफल होंगे।
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