देहरादून। प्रदेश सरकार ने सभी सरकारी विभागों में संविदा, आउटसोर्स, दैनिक वेतन, अंशकालिक, नियत वेतन और तदर्थ भर्तियों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने का बड़ा निर्णय लिया है। अब सभी नियमित रिक्त पदों पर भर्ती चयन आयोगों के माध्यम से ही की जाएगी। इस संबंध में मुख्य सचिव आनंद बर्द्धन ने सभी प्रमुख सचिवों, मंडलायुक्तों और जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं।
सरकार ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई अधिकारी इस आदेश का उल्लंघन करते हुए आउटसोर्स या संविदा भर्ती करता है, तो व्यक्तिगत जिम्मेदारी मानते हुए अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।
✅ क्यों लिया गया यह निर्णय?
मुख्य सचिव के अनुसार, प्रदेश में छठे वेतन आयोग की सिफारिशों के लागू होने के बाद चतुर्थ श्रेणी के पद समाप्त कर दिए गए थे। इन्हीं पदों की पूर्ति के लिए विभागों में आउटसोर्स कर्मचारियों की नियुक्ति की जाती रही। लेकिन नियमित भर्तियों में देरी के कारण संविदा और आउटसोर्स भर्तियों की संख्या में इजाफा हुआ।
सरकार ने 27 अप्रैल 2018 और 29 अक्टूबर 2021 को शासनादेश जारी कर कार्य सरलीकरण और खर्चों में कटौती का प्रयास किया था, लेकिन कई विभागों में नियमित चयन के बावजूद आउटसोर्स कर्मचारी तैनात रह गए, जिससे न्यायालयों से स्टे ऑर्डर तक की नौबत आ गई।
⚖️ न्यायिक उलझनों से निपटने की तैयारी
संविदा और आउटसोर्स कर्मचारी नियमितीकरण की मांग लेकर न्यायालयों में वाद दायर कर रहे हैं। इससे विभागों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है। इन समस्याओं से बचने के लिए अब पूर्व के शासनादेशों को संशोधित मानते हुए सभी प्रकार की तदर्थ भर्तियों पर रोक लगा दी गई है।