विज़न 2020 न्यूज: एक ओर जहां घनसाली के पूर्व विधायक भीमलाल आर्य ने ये कहकर अपना धरना खत्म कर दिया था कि सीएम हरीश रावत ने उनकी सारी मांगे मान ली है, तो वहीं सीएम हरीश रावत ने भीमलाल की मांगों पर दो टूक जवाब दिया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि भीमलाल आर्य दिल मांगे मोर वाले नेता हैं, और वे अपने क्षेत्र की कुछ बातों को लेकर धरने पर बैठे थे। उन्होंने इस तरह धरने पर बैठकर गलती की और अपना ही नुकसान किया। सीएम ने कहा कि कुछ कार्य जो वे करवाना चाहते थे, वे संभव नहीं थे और संविधान सम्मत भी नहीं थे, जिसके चलते उनकी ओर से कहे जाने वाले कार्य नहीं हो सके। सीएम ने कहा कि भीमलाल को साफ कहा गया है कि किसी क्षेत्र को पिछड़ा घोषित करने की व्यवस्था संविधान में नहीं है। जातियों को पिछड़ा घोषित किया जाएगा। वहीं, भीमलाल आर्य ने कहा कि मुख्यमंत्री ने उनकी मांगों को मान लिया है। आपको बता दे कि रविवार रात मुख्यमंत्री आवास पर धरना समाप्त करने के बाद भीमलाल आर्य ने दावा किया था कि मुख्यमंत्री ने उनकी मांगों को मान लिया है और सोमवार को वे इस संबंध में पत्रकार वार्ता करेंगे। हालांकि सोमवार को मुख्यमंत्री ने इस विषय पर न तो कोई पत्रकारवार्ता बुलाई और न ही अलग से कोई बैठक की। खुद भीमलाल ही मुख्यमंत्री से मिलने सचिवालय पहुंचे और उसके बाद सीएम के साथ ही बाहर आए।