त्यौहार का सीजन है। घर में खूब पकवान तो बनते है। इसके साथ लोग तरह तरह की मिठाईयां बाजार से लाते है। ऐसे मौके पर अक्सर मिठाई में मिलावट होने की खबर सुनते है। जो आपकी और आपकी फैमली की हेल्थ के लिए बेहद खतरनाक है। ऐसे में जरूरी है कि आप असली मिठाई और नकली मिठाई में फर्क कर सके। और अपने फैमली के साथ त्यौहार में जमकर मजे कर सके।
दिल्ली सरकार के फूड सेफ्टी विभाग ने भी विज्ञापन निकाल कर लोगों को जागरूक किया और बताया है कि कैसे आप कर सकते हैं असली–नकली मिठाई में फर्क।.
ऐसे करें मिठाई का टेस्ट
- आप दो मिठाईयों के अलग–अलग सैंपल लें और दोनों को अलग–अलग बाउल में गर्म पानी में डालें। इसके बाद अलग–अलग रंग के आयोडीन लें और इन मिठाई वाले बाउल में डाल दें। अगर गर्म पानी वाले बाउल में मिठाई घुलकर रंग बदलती है तो इसका मतलब मिठाई मिलावटी है और अगर रंग वैसा का वैसा ही रहता है तो मिठाई ठीक है।
- दीवाली में रंग वाली मिठाई से बचना मुश्किल है। सबसे ज्यादा मिलावटी रंग का खतरा पिस्ते की मिठाई में होता है। बूंदी के लड्डू में केसरी रंग और टाटराजीन कलर की क्वांटिटी ज्यादा नहीं होनी चाहिए। कई बार बंदी के लडडू में अन्य कलर भी डाल देते हैं जो कि काफी नुकसादेह हैं। अगर बूंदी के लड्डू का रंग गहरा है तो उसमें कुछ गडबड़ है।
- इसी तरह से चांदी के वर्क वाली मिठाई देखने में कितनी भी सुंदर लगे पर ये चांदी के वर्क भेड़ की खाल के बीच कूटकर तैयार किया जाता है। पर इस वर्क में भी मिलावट होती है। इसे पहचानने के लिए वर्क वाली मिठाई को हाथ से रगड़ें। अगर वर्क चांदी का होगा तो रगड़ते ही मिठाई से अलग हो जाएगा। अगर वर्क चांदी का नहीं होगा तो मिठाई में चिपका रहेगा। मिठाई में चिपका हुआ वर्क एल्युमीनियम का हो सकता है।