हरिद्वार : अवैध मदरसों पर उत्तराखंड सरकार की सख्त कार्रवाई जारी है, और इस बार हरिद्वार में अवैध मदरसों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की गई है। आज सुबह सिडकुल थाना क्षेत्र के नवोदय नगर स्थित एक अवैध मदरसे के अलावा रानीपुर के ग्राम सलेमपुर में भी कई मदरसों पर कार्रवाई की गई। इस कार्रवाई के दौरान तहसीलदार प्रियंका रानी, जिला अल्पसंख्यक अधिकारी और भारी पुलिस बल मौके पर मौजूद था।
प्रदेश सरकार अवैध मदरसों पर शिकंजा कसने के बाद अब उनकी फंडिंग की गहन जांच करने की योजना भी बना रही है। अधिकारियों का कहना है कि इस जांच रिपोर्ट को सीधे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को सौंपा जाएगा। पिछले एक महीने से प्रदेश भर में अवैध मदरसों के खिलाफ व्यापक कार्रवाई चल रही है।
सभी अवैध मदरसों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं, और इन मदरसों में चल रहे अवैध निर्माणों और बिना अनुमति संचालित मदरसों पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है। सोमवार को देहरादून जिला प्रशासन की टीम ने सहसपुर में एक मदरसे को सील कर दिया, क्योंकि उसने बिना प्राधिकरण की अनुमति के एक मंजिल का अवैध निर्माण कर लिया था।
अब सवाल यह उठ रहा है कि इन मदरसों के संचालन और कर्मियों के वेतन के लिए पैसा कहां से आ रहा है? इस बारे में जांच के बाद यह साफ हो सकेगा कि क्या देवभूमि में संचालित ये मदरसे विदेशों से फंडिंग प्राप्त कर रहे हैं?
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि राज्य में अवैध मदरसों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। अब तक हरिद्वार में 60 से ज्यादा अवैध मदरसों को चिन्हित किया जा चुका है, और उन पर कार्रवाई जारी है।
सरकार की इस कार्रवाई पर राजनीतिक हलकों में विरोध भी उठ रहा है। पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष राव अफाक ने इस कदम को गलत करार दिया और इसे धार्मिक शिक्षा को निशाना बनाने की साजिश बताया। उन्होंने कहा कि यह कार्रवाई पक्षपातपूर्ण है। हालांकि, प्रशासन का कहना है कि सभी कार्रवाई नियमों के तहत की जा रही है और किसी भी अवैध निर्माण को बख्शा नहीं जाएगा।