कोटद्वार : विधानसभा अध्यक्ष और विधायक कोटद्वार, ऋतु खण्डूडी भूषण ने आज कोटद्वार विधानसभा के शहरी क्षेत्र में ₹135 करोड़ की लागत से बनने वाले नए सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) के कार्य की जानकारी संबंधित अधिकारियों, पार्षदों और स्थानीय जनता से साझा की। इस योजना के तहत कोटद्वार के जल निकासी और प्रदूषण से संबंधित समस्याओं का स्थायी समाधान होगा।
ऋतु खण्डूडी ने कहा कि नया एसटीपी जल्द ही काम करना शुरू करेगा, जिससे शहर की नदियाँ गंदगी से बच सकेंगी। उन्होंने यह भी बताया कि यह परियोजना भारत सरकार की ‘नमामी गंगे’ योजना के तहत तैयार की गई है, जिसे उन्होंने व्यक्तिगत रूप से कोटद्वार के लिए मंजूरी दिलवायी है। इस परियोजना से न केवल कोटद्वारवासियों को लाभ होगा, बल्कि पर्यावरण संरक्षण में भी महत्वपूर्ण योगदान मिलेगा।
इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि राज्य विभाजन के बाद पुराना एसटीपी उत्तर प्रदेश में चला गया था, जिसके बाद से कोटद्वार में 25 वर्षों से नए एसटीपी की आवश्यकता थी, और आज यह सपना पूरा हो रहा है।
ऋतु खण्डूडी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का आभार व्यक्त किया, जिनकी सहायता से यह योजना साकार हो रही है। उन्होंने बताया कि इस एसटीपी के माध्यम से 9 गंदे नालों पर टैपिंग होगी, जिससे गंदगी के स्तर में कमी आएगी और स्थानीय निवासियों को साफ-सफाई की बेहतर सुविधा मिलेगी।
उन्होंने आगे बताया कि वर्तमान में कोटद्वार के केवल 10% क्षेत्र में ही सीवर नेटवर्क उपलब्ध है, और नए एसटीपी की स्थापना से शहरी क्षेत्र में खो नदी में गिरने वाले इन 9 नालों से होने वाले प्रदूषण की समस्या का समाधान होगा। इसके अलावा, एसटीपी योजना में कोटद्वार में पहले से निर्मित सिवरेज व्यवस्था को भी जोड़ा जाएगा, जिससे सेफ्टी टैंक से निकलने वाले सेफ्टेज का समुचित निस्तारण और शोधन संभव होगा।
साथ ही, ऋतु खण्डूडी ने कोटद्वार में उत्तराखंड नगरीय क्षेत्र विकास अभिकरण द्वारा ₹373 करोड़ की लागत से बनाई जा रही पेयजल आपूर्ति योजना की रूपरेखा भी साझा की। उन्होंने बताया कि इस परियोजना के तहत खो और सुखरो नदी के बीच स्थित 23 वार्डों को 20 डीएमए में बांटा गया है, ताकि कार्य व्यवस्थित रूप से पूरा हो सके। इसके तहत पानी की टंकियां, ट्यूबवेल और नई जल लाइनें बिछाई जा रही हैं।
ऋतु खण्डूडी ने कहा कि इस परियोजना से आम जनता को जल आपूर्ति की समस्याओं से निजात मिलेगी, लेकिन कार्य के दौरान आवागमन में जो दिक्कतें आ रही हैं, उन पर अधिकारियों को तुरंत कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।