देहरादून : उत्तराखंड के सात जिलों में महिला छात्रावासों के निर्माण की योजना को मंजूरी मिल गई है, जो निर्भया फंड से वित्तपोषित होंगे। इन छात्रावासों का निर्माण ब्रिडकुल द्वारा किया जाएगा, और ये तीन वर्षों में पूरा होगा। महिला सशक्तीकरण और बाल विकास विभाग ने राज्य में कुल 12 छात्रावास बनाने का प्रस्ताव रखा है, जिनमें से 7 के लिए स्थल चयन और बजट स्वीकृति की प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
इन छात्रावासों का उद्देश्य कामकाजी महिलाओं और दूरदराज क्षेत्रों से आकर पढ़ाई करने वाली किशोरियों को एक सुरक्षित और सुविधाजनक वातावरण प्रदान करना है, जिससे वे अपनी पढ़ाई और काम पर बेहतर तरीके से ध्यान केंद्रित कर सकें।
सात जिलों के लिए स्थल और बजट का निर्धारण:
- रुद्रप्रयाग – भटवाड़ी सैंण, अगस्त्यमुनि: ₹372.31 लाख
- पौड़ी गढ़वाल – सिडकुल क्षेत्र, कोटद्वार: ₹360.05 लाख
- टिहरी गढ़वाल – सुरसिंगधार, नई टिहरी: ₹357.03 लाख
- हरिद्वार – नगर पंचायत, भगवानपुर: ₹279.05 लाख
- पिथौरागढ़ – कुमौड़, पिथौरागढ़: ₹417.49 लाख
- चंपावत – सेलाखोला गैर, चंपावत: ₹390.28 लाख
- उत्तरकाशी – गोफियारा, बाड़ाहाट: ₹378.19 लाख
सहूलत और आवंटन प्रक्रिया:
इन छात्रावासों में एक कमरे में दो महिलाएं या किशोरियां रह सकेंगी, और दिव्यांग महिलाओं और किशोरियों को 10% सीटों पर प्राथमिकता दी जाएगी। अन्य आवास आवेदनकर्ताओं को पहले आओ, पहले पाओ की व्यवस्था के आधार पर प्रदान किए जाएंगे, और आवश्यकता के हिसाब से आवास का आवंटन किया जाएगा।
प्रशांत आर्य, निदेशक, महिला एवं बाल कल्याण विभाग ने कहा, “यह कदम महिला सशक्तीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है। छात्रावासों के निर्माण से महिला कार्यबल को बल मिलेगा और वे अपनी पढ़ाई तथा कार्य पर अधिक ध्यान केंद्रित कर सकेंगी।”
आरती बलूदी, राज्य नोडल अधिकारी, केंद्र पोषित योजनाएं ने कहा, “यह योजना न केवल महिलाओं के लिए सुरक्षित आवास प्रदान करेगी, बल्कि यह शिक्षा और कार्य के बीच संतुलन बनाने में भी मदद करेगी।”