देहरादून: उत्तराखंड में असुरक्षित रोपवे ट्रॉलियों से छुटकारा पाने के लिए बड़ा कदम उठाया गया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की पहल पर लोक निर्माण विभाग ने प्रदेश के 30 स्थानों पर चल रही रोपवे ट्रॉलियों को हटाकर वहां पैदल मार्ग और पुल बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
प्रदेश में कई नदियों के ऊपर आवागमन के लिए वर्षों से चल रही ये असुरक्षित ट्रॉलियां ग्रामीणों और छात्रों के लिए खतरे का सबब बनी हुई थीं। अब इस पहल से प्रदेशवासियों को इन खतरनाक ट्रॉलियों से निजात मिलेगी।
उत्तराखंड लोक निर्माण विभाग के सचिव पंकज पांडेय ने बताया कि वर्तमान में पिथौरागढ़ में 13, उत्तरकाशी में 11, चमोली में 5 और बागेश्वर में 1 ट्रॉली संचालित हो रही है। इनमें से उत्तरकाशी के नुराणु में रूपिन नदी पर पीएमजीएसवाई योजना के तहत एक पैदल पुल पहले ही बन चुका है। बाकी 29 स्थानों में से 6 पुल विश्व बैंक की योजना से और 18 पुल लोक निर्माण विभाग के बजट से बनाए जाएंगे।
चार ऐसे स्थानों पर जहां वैकल्पिक रास्ता उपलब्ध है या यातायात कम है…वहां पुल निर्माण की जरूरत नहीं मानी गई है। विभाग ने टोपोग्राफी सर्वे, स्थल चयन और मृदा परीक्षण जैसे प्राथमिक कार्य पूरे कर लिए हैं…और डीपीआर तैयार की जा रही है।
हर बरसात के मौसम में इन ट्रॉलियों पर बच्चों के खतरे भरे सफर के वीडियो सामने आते थे। इस योजना से बच्चों समेत आम जनता को सुरक्षित आवागमन की सुविधा मिलेगी।
PWD सचिव पंकज पांडेय ने कहा कि हमारी कोशिश है कि अगले एक-दो वर्षों में पूरे प्रदेश को ट्रॉली मुक्त कर दिया जाए। दुर्गम इलाकों में भी अब पुलों के निर्माण तेजी से शुरू हो गए हैं, जिससे जल्द ही लोगों को बड़ी राहत मिलेगी।