तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट विधि विधान के साथ खुले….

तृतीय केदार भगवान तुंगनाथ के कपाट सोमवार को धार्मिक परम्पराओं व विधि विधान के साथ खोल दिए गए। ‌अब छह माह तक तुंगनाथ मन्दिर में बाबा की पूजा अर्चना की जाएगी। तय समयानुसार प्रातः आठ बजे भगवान की चल विग्रह उत्सव डोली भोले के जयकारों के साथ चोपता से धाम के लिए रवाना हुई। जगह जगह विश्राम करने के बाद प्रातः साढ़े दस बजे डोली मंदिर परिसर में पहुंची जहां मन्दिर की तीन परिक्रमा के बाद भगवान की भोगमूर्ति को गर्भगृह में विराजमान किया गया। परम्परानुसार भोग मूर्ति मन्दिर में विराजमान होने के बाद मठाधिपति रामप्रसाद मैठाणी द्वारा दान की प्रक्रिया शुरू की गई और विनोद मैठाणी,संजय मैठाणी,अतुल मैठाणी द्वारा स्वयंभू लिंग को पुष्प,फूल,फल,अक्षत,घी,मक्खन,मेवे व विभिन्न प्रकार की पूजा सामग्री द्वारा भगवान का रुद्राभिषेक किया गया। इसके बाद मां दुर्गा जी मूर्ति को गर्भगृह से बाहर लाकर दुर्गा देवी के मन्दिर में स्थापित किया गया जिसके साथ ही मन्दिर में हवन की प्रक्रिया भी शुरू हुई। गर्भगृह में भगवान की पूजा अर्चना के साथ ही भूतनाथ, भैरवनाथ, वनदेवियों, रुद्रनाथ, पंचकेदार, पितृदेवताओं व देवी पार्वती की पूजा अर्चना भी की गयी। इस मौके तहसीलदार दीवान सिंह राणा,वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी आरके नौटियाल,आचार्य लम्बोदर प्रसाद मैठाणी,थानाध्यक्ष मुकेश थलेड़ी,प्रकाश पुरोहित,प्रबन्धक उमेद सिंह नेगी, प्रधान विजयपाल नेगी, चंद्रमोहन बज्वाल आदि थे। वहीं कोरोना संक्रमण को देखते हुए प्रशासन द्वारा 25 लोगो को ही धाम में जाने की अनुमति दी गयी थी।

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