जम्मू-कश्मीर को लेकर केंद्र सरकार ने जो फैसला लिया है, उसको लेकर देशभर में बहस छिड़ी है। लोकसभा में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन बिल पर चर्चा के दौरान लद्दाख से भारतीय जनता पार्टी के सांसद जामयांग शेरिंग ने जोरदार भाषण दिया और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने के लिए शुक्रिया किया। जामयांग सेरिंग का भाषण ऐसा रहा कि गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत पूरा सदन उनके हर वाक्य पर तालियां पीटता नजर आया।
जामयांग शेरिंग ने कहा कि आज भारत के इतिहास में वो दिन है जो गलती जवाहर लाल नेहरू ने की, उसका सुधार हो रहा है। 70 साल तक कांग्रेस-पीडीपी-नेशनल कॉन्फ्रेंस ने लद्दाख को अपनाया नहीं और आज वहां की बात कर रहे हैं। ये लोग लद्दाख को जानते तक नहीं हैं और किताबें पढ़कर बोल रहे। उन्होंने कहा कि हम शुरू से ही हिंदुस्तान का अटूट अंग बनना चाहते थे। हमने तब भी कहा था कि लद्दाख को कश्मीर के साथ मत रखिए। शेरिंग बोले कि धारा 370 की वजह से हमारा विकास नहीं हुआ और इसके लिए कांग्रेस पार्टी जिम्मेदार।
बीजेपी सांसद बोले कि 1965-71-99 की लड़ाई में हमेशा लद्दाख के लोगों ने बलिदान दिया है। उन्होंने कहा कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के सांसद कह रहे थे कि धारा 370 हटने से बहुत कुछ खो देंगे, मैं उनकी बात मानता हूं कि इससे एक चीज जरूर खो देंगे। वो है दो परिवारों की रोजी रोटी, जो अबतक कश्मर पर राज कर रहे थे। बीजेपी सांसद ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश बनाना हमारे मेनिफेस्टो का हिस्सा था और इसलिए लोगों ने हमें वोट दिया था। उन्होंने अपने भाषण के दौरान पूर्व की यूपीए सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा कि आपकी सरकार लद्दाख के नाम पर पैसा ले जाते थे और कश्मीर में उड़ाते थे। आप लोग 1000 नौकरी में से 10 नौकरी के लिए भी लद्दाख वालों को नहीं चुनते। लद्दाख में एक भी एजुकेशन का इंस्टीट्यूट नहीं है। आप लोगों ने लद्दाख की भाषा को आजतक जगह नहीं दी।
धारा 144 के तहत करगिल बंद के आरोप पर उन्होंने कहा कि आज करगिल बंद नहीं है, ये लोग सिर्फ एक सड़क को करगिल समझते। वहां पर इस फैसले का स्वागत किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि जिन दो परिवार की मैं बात कर रहा हूं वो ही कश्मीर की दिक्कत का हिस्सा हैं। वो आज भी नशे में हैं और समझते हैं कि कश्मीर उनके बाप की जागीर है।
आपको बता दें कि केंद्र सरकार ने लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने का फैसला लिया है। वह अब जम्मू-कश्मीर से अलग हो गया है। हालांकि, यहां पर विधानसभा नहीं होगी।





