गणेश चतुर्थी पर आज घर घर विराजेगें गणपति बप्पा, घर में चाहते है सुख समृद्धि का वास तों इस बातों का रखें ध्यान, पढे़ और शेयर करें…….

गणेश चतुर्थी के मौके पर आज घर घर में गणपति बप्पा की मूर्ति की स्थापना की जाएगी। शुभ समय में मूर्ति स्थापना के बाद पूजा अर्चना और भजन आदि कार्यक्रम होंगे। इस बार भक्तों ने पर्यावरण संरक्षण के लिए इको फ्रैंडली बप्पा की खरीददारी ज्यादा की जा रही है। पर्यावरण को नुकसान न हो इसके लिएलोगों ने मिट्टी और लकड़ी की प्रतिमाएं खरीद रहे है। रिद्धि सिद्धि के दाता भगवान श्रीगणेश की स्थापना करने से घर सुख समृद्धि का वास होता है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार गणेश चतुर्थी का व्रत रखने से व्यक्ति के सभी पाप समाप्त हो जाते है। चतुर्थी को चंद्रमा को देखना अशुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस रात्रि को चंद्रमा देखने से झूठा कलंक लगता है। इस दिन चंद्र दर्शन करने से भगवान श्रीकृष्ण को भी मणि चोरी का कलंक लगा था। साथ ही स्थापना स्थल पर पवित्रता का ध्यान रखना जरूरी है। चप्पल, जूते पहनकर कोई स्थापना स्थल तक न जाए, चमड़े का बेल्ट या पर्स रखकर कोई पूजा न करें। ज्योतिषों के अनुसार 122 वर्षों बाद गणेश चतुर्थी पर इस बार शुभ संयोग बन रहा है। इस बार चतुर्थी तिथि बुधवार 12 सितंबर से शाम 04.08 बजे से शुरू दोपहर 02.51 बजे तक रहेगी। चतुर्थी के बृहस्पतिवार को पड़ने से ये महासंयोग बन रहा है। गणेश चतुर्थी पर पूजन के लिए सुबह 11.10 से दोपहर 01.38 बजे तक का शुभ मुहूर्त है। वहीं इस बार गणेश पूजा में राहू दोष से भी मुक्ति मिलेगी।गणेश चतुर्थी के अवसर पर बृहस्पतिवार को शहर के अलग अलग स्थानों से शोभायात्राएं निकालीं जाएंगी। इनमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल होंगे। सुबह सहारनपुर रोड स्थित वेडिंग प्वांइट से शोभायात्रा निकाली जाएगी, जो लाल पुल से यूटर्न लेकर आर्दश मंदिर, श्याम सुंदर मंदिर होते हुए गणेश उत्सव मैदान पहुंचेगी। दूसरी शोभायात्रा पटेल नगर स्थित नागेश्वर महादेव से निकाली जाएगी।पटेलनगर, मोती बाजार, क्लेमेंटटाउन, मन्नूगंज-डाकरा, धामावाला, धर्मपुर आदि स्थानों पर गणेशोत्सव के लिए पांडाल सजाए गए हैं। बृहस्पतिवार को बप्पा पंडालों में विराजेंगे। 11वें दिन बप्पा की मूर्तियों का विसर्जन होगा। दस दिनों तक पंडालों में लालबाग के बादशाह की धूम रहेगी। बप्पा के लिए गुब्बारों, फूलों से पांडाल सजा दिए गए हैं। कहीं लाल बाग के राजा तो कहीं कोलकाता के कलाकारों द्वारा तैयार किए गए गणपति की स्थापना की जाएगी।

मूर्ति स्थापना मुहूर्त
13 सितंबर – सुबह 6.00 से 7.34,
अमृत योग – सुबह 10.40 से 2.51 मिनट तक

 

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