अच्छी खबर…आवास हीनों को जल्द मिलेंगे एमडीडीए के आवास, एमडीडीए ने शासन से अनुमति मांगी : सचिव पीसी दुमका

देहरादून। उत्तराखंड सरकार जहां प्रधानमंत्री के सपनों को साकार करने के लिए लगातार प्रयास कर रही है, वहीं कुछ अधिकारी प्रधानमंत्री की स्वप्निल परियोजनाओं को भी पलीता लगाने से बाज नहीं आ रहे हैं। इसका प्रमाण प्रधानमंत्री आवास योजना है जिसकी सुस्ती यह बताने को काफी है कि अधिकारी इस योजना को लाभकारी नहीं रहना देना चाहती। वहीं दूसरी ओर सचिव मसूरी देहरा विकास प्राधिकरण प्रकाश चंद दुमका का कहना है कि वह इस संदर्भ में पूरी तरह प्रयासरत है। उन्होंने उचित लाभर्थियों को आवास आवंटित करने के लिए शासन अनुमति मांगी है। इस अनुमति के बाद यह आवास प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को आवंटित किए जा सके।


गरीबों को आवास योजना देने की यह योजना 17 जून 2015 को घोषित हुई थी। जिन प्रदेशों में भाजपा का शासन है वहां इस योजना पर तेजी दिखाई गई लेकिन उत्तराखंड में इस योजना को संचालित करने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई गई। इसका कारण मसूरी देहरा विकास प्राधिकरण के द्वारा बनाये जा रहे मकान है।
मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण पीएम आवास योजना के तहत देहरादून में करीब 3 प्रोजेक्ट बना रहा है, जिसमे एक प्रोजेक्ट में 224 भवन बनकर पूरी तरह से तैयार हैं। अब तक इन भवनों को ही आवंटित नहीं किया गया है। इसी प्रकार एमडीडीए आधा दर्जन स्थानों पर सैकड़ों मकान और बना रहा है। इसमें आईएसबीटी, ट्रांसपोर्ट नगर, आमवाला तरला और धौलास परियोजना शामिल है।
प्रधानमंत्री आवास योजना जो महत्वकांक्षी परियोजना है में भी एमडीडीए के इन मकानों का उपयोग हो सकता है। एमडीडीए अधिकारी चाहे तो प्रधानमंत्री रोजगार योजना के तहत 224 लोगों को यह लाभ मिल सकता है। और एमडीडीए के इन 224 भवनों को आवंटित किया जा सकता है लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है। एमडीडीए के प्रयास बाद आवास विभाग ने 600 से ज्यादा लोगों की सूची एमडीडीए को भेजी थी लेकिन आरक्षण की बाध्यता को देखते हुए एमडीडीए ने 224 लोगों की सूची मांगी है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत उन लोगों को आवास उपलब्ध कराने का प्रबंध किया गया था जिनके पास अपना आवास नहीं है, लेकिन उत्तराखंड में यह योजना परवान नहीं चढ़ रही है।
इस संदर्भ में एमडीडीए के सचिव प्रकाश चंद दुका से चर्चा की गई। उनका कहना था कि मसूरी देहरा विकास प्राधिकरण गरीबों के लिए आवास बना रहा है। इस आवास को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत आवंटित किया जा सकता है। इसके लिए उन्होंने शासन से अनुमति मांगी है। शासन से अनुमति मिलते ही यह सभी 224 आवास प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों को आवंटित किए जा सकेंगे। इसके लिए शहरी विकास विभाग से भी सूची और जानकारी मांगी गई है ताकि आवासहीनों को इस योजना का लाभ मिल सके। श्री दुमका का कहना है कि हमारी अन्य योजनाओं का भी लाभ आवासहीनों को मिल सकेगा।

 

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