ज्योतिष के अनुसार शनिदेव जिस वाहन पर सवार होकर किसी राशि में जाते हैं तो उस वाहन के अनुसार ही उस राशि वालों को फल प्राप्त होते हैं। नक्षत्र, वार व तिथि की गणना कर शनि के वाहन के बारे में पता लगाया जा सकता है।
वाहन प्रभु के सात सुजाना। दिग्गज, गर्दभ, मृग, अरुस्वाना।।
जम्बुक, सिंह आदि नखधारी। सो फल ज्योतिष कहत पुकारी।।
अर्थात- शनिदेव के सात वाहन हैं- हाथी, गधा, हिरण, कुत्ता, सियार, शेर, व गिद्ध। इसके अलावा कौआ व हंस को भी इनका वाहन माना गया है। व्यक्ति के जन्म नक्षत्र की संख्या और शनि के राशि बदलने की तिथि की नक्षत्र संख्या को जोड़कर योगफल को 9 से भाग दें। शेष संख्या के आधार पर शनिदेव का वाहन निर्धारित होता है।
हाथी
फल- फलित ज्योतिष के अनुसार, जब शनिदेव हाथी पर सवार होकर आते हैं तो पैसा, सम्मान पद आदि का लाभ होता है।
गधा
फल- शनिदेव जब गधे पर सवार होकर किसी की राशि में जाते हैं तो उसके बनते काम भी बिगड़ जाते हैं। हानि ही हानि होती है।
शेर
फल- शेर पर शनिदेव की सवारी कोई बड़ा पद व समाज में मान-सम्मान दिलाती है। इससे हर क्षेत्र में आपकी प्रशंसा होती है।