देहरादून: देश में धर्म परिवर्तन पर होने वाली चर्चाओं के बीच उत्तराखंड में धर्म परिवर्तन रोकने को कानून सख्त होने जा रहा है। राज्य की कैबिनेट ने जबरन धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए 7 साल की सजा का प्रावधान किया है, राजनैतिक दल उपरी तौर पर भले ही इसका स्वागत कर रहे हों पर नए कानून के दुरूपयोग और किसी वर्ग विशेष को लाभ की आशंका से भी सहमें हुए है।
उत्तराखंड के धर्म संगठन होशियार:- अगर किसी ने जबरन या लालच देकर दूसरे का धर्म बदलवाने की खता की तो, 1 से 5 साल की सजा कैदखाने में भुगतने को तैयार रहे। भाजपा सरकार ने कैबिनैट मे प्रस्ताव पारित किया है, गैरसैण सत्र के बाद हो सकता है कि ये कानून भी बन जाए। बीजेपी चुनावी साल से पहले इस निर्णय से उत्साहित है।
अजय भट्, प्रदेश अध्यक्ष, भाजपा : उधर नए फरमान में प्रावधान है कि एससीएसटी के लागों का जबरन धर्म बदलवाने पर सजा 7 साल तक हो सकती है। गैर भाजपाई इस नए फैसले का स्वागत तो कर रहें है लेकिन आशंकित है कि कहीं इसका दुरूपयोग न हो जाए।
गरिमा दसौनी, कांग्रेस प्रवक्ता: धर्म की रक्षा के लिए नया कानून बन तो गया है पर अगर इसका दुरूपयोग हुआ तो कंही अधर्म न हो जाए। गैरसैण सत्र में इस पर गरमागरम बहस होना तय माना जा रहा है।