जानें यूपी की इस जनजाति की अजीब-गरीब परम्परा, पहले लगती है बोली, फिर उठती है डोली!

एक तरफ तो देश में लडकियों को भी लडको की बराबरी देने का सर जमकर मचाया जा रहा है और बेटियों के हित में विभिन्न प्रकार के अभियानों को हवा दी जा रही है तो वहीं हमारे समाज का एक रूप ऐसा भी है जहाँ बेटियों की खुलेआम बोलियाँ लगायीं जाती हैं जिसके बाद ही उनकी डोली उठती है.

दरअसल जौनपुर जिले के दो विकासखंडों में लगभग आधा दर्जन गांवों में मंगता जाती के सैकड़ों परिवार रहते हैं. इस जनजाति के लोगों में लड़कियों की शादी की उम्र हो जानें पर उनकी सार्वजनिक बोली लगे जाती है.

खास बात यह है कि लड़कियों की लगाई जानें वाली इस बोली में सिर्फ उसी समाज के लोग ही हिस्सा ले सकते हैं, जो सबसे ज्यादा बोली लगातें है, वही दुल्हन को जीत लेता है और उससे शादी होती है. शादी पुरे रीति-रिवाज के साथ की जाती है. विकासखंड बख्शा के रसिकापुर, सराय विभार और महराजगंज विकास खंड के चांदपुर, लाल बाग, घरवासपुर एवं आराजी सवंसा में इस जाति के लोग रहते हैं.

 इस जनजाति में कन्याओं को समृद्धि का पर्याय माना जाता है. बेटी की शादी की उम्र हो जाने पर भी बाप को कोई चिंता नहीं होती है. यह समाज दहेज़ जैसी कुरूतियों से काफी दूर है। किसी लड़की की शादी की बात चलते ही समाज के युवकों का जमावड़ा लगने लगता है। लड़के लड़की को देखने के बाद बोली लगाते हैं। जो युवक लड़की की सबसे ज्यादा बोली लगता है, उसी से लड़की की शादी कर दी जाती है। कई बार बोली लगाने के दौरान विवाद भी हो जाता है। यहाँ तक बात चली जाती है कि पुलिस को बुलाना पड़ जाता है। कन्या पक्ष वर पक्ष से शादी का पूरा खर्च लेता है। यह राशि 25 हजार से डेढ़ लाख तक होती है।

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