क्या सच में इंसानियत खत्म हो चली है, इस घटना के बाद तो ऐसा ही लगता है !

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एक ऐसा मामला सामने आया है जिसको सुनकर आप सोच में पड़ जायेंगे कि क्या इंसानियत खत्म हो चली है. मुजफ्फरपुर के नई मंडी थाना क्षेत्र में एक मकान का दरवाजा 24 घंटे से बंद था.  मोहल्ले वालों को जब शक हुआ तो उन्होंने इस मामले की जानकारी पुलिस को दी. जब पुलिस उस मकान में पहुंची तो वहां का दरवाजा अंदर से बंद था.  पुलिस ने मकान के आसपास स्थित लोगों से पूछताछ की तो उन्हें पता चला कि मकान के अंदर एक बुजुर्ग कपल आत्माराम गर्ग 78 वर्षीय और ओमवती 72 वर्षीय रहते हैं.  इसके इलावा पड़ोसियों ने बताया कि उनके दो बेटे हैं जिनमें से एक गुड़गांव में नौकरी करता है और दूसरा रुड़की में.  पुलिस ने जब दोनों बेटों से संपर्क करने की कोशिश की तो एक ने वहां आने से साफ इंकार कर दिया जबकि, दूसरा आनाकानी कर रहा था. इसके बाद पुलिस को मजबूरन वह दरवाजा तोड़ना पड़ा. जब पुलिस और पड़ोसी अंदर पहुंचे तो अंदर का नजारा चौंका देने वाला था.

दरअसल, जब पुलिस ने दरवाजा तोड़ा तो अंदर हैंडीकैप्ड दंपति कुर्सी पर बैठी थी और सामने ही आत्माराम  की लाश पड़ी हुई थी.  ओमवती हैंडीकैप्ड होने की वजह से कुर्सी से हिल भी नहीं पा रही थी और ना ही किसी को मदद के लिए बुला पा रही थी. मकान के अंदर का नजारा देखने के बाद ऐसा लग रहा था जैसे आत्माराम बिस्तर पर सोए सोए नीचे गिर गए और गिरने के बाद उनकी मौत हो गई.  जब ओमवती  अपने पति की लाश को देखा तो वह कुर्सी पर खिसक कर किसी तरह बैठ गई.  करीब 24 घंटे तक वह किसी का इंतजार करती रही कि कोई दरवाजा खोलकर अंदर आ कर उसकी सहायता करें.  परंतु जब तक लोगों को उसके हालातों का पता चला तब तक बहुत देर हो चुकी थी.  ऐसा दर्दनाक मंजर देखकर वहां मौजूद सभी लोग रो पड़े.

पुलिस ने जब पीड़ित महिला से पूछताछ की तो उसने बताया कि रोज की तरह उसके पति ने सोने से पहले गेट बंद कर दिया था.  जब वह सुबह उठी तो कुर्सी पर बैठ गई.  पीड़ित महिला ने बताया कि उसने अपने पति से पूछा कि “आप नीचे क्यों सो रहे हो?” जब जवाब नहीं मिला तो वह समझ गई कि उसके पति अब इस दुनिया में नहीं रहे. ओमवती ने कहा ” मैं तो हर दिन की तरह सो रही थी बाकी मुझे कुछ नहीं पता”.

 

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