कानपुर: आज भले ही जमाने भर में बेटा-बेटी एक समान के नारे बुलंद हो लेकिन क्या सच में दोनों को समान अधिकार प्राप्त है एक गंभीर मुद्दा है. जबकि सच तो यह है कि आज भी समाज में बेटियों को पढ़ा लिखा और सक्षम होने बावजूद उनके कितनी ही प्रताड़नाओ से गुजरना पड़ता है, आज भी बेटियों को दहेज कि आग में जिंदा जलना पड़ता है. इसका जीता जागता उदहारण कानपूर से सामने आया है जहां दहेज की प्रताड़ना से तंग आकर एक युवती ने खुद अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली .
जहानगंज थाने के खैरा गांव निवासी वीरेंद्र सिंह यादव की बेटी प्रीति (27) की शादी 21 नवंबर 2016 को मोहम्मदाबाद कोतवाली के गांव रोहिला निवासी राजकुमार के साथ हुई थी. शादी से पहले ही राजकुमार ने प्रीती से शादी के लिए दहेज़ की मांग रख दी थी. लेकिन, जब मांग पूरी न हो पायी तो वह अपनी पत्नी को मारने पीटने लगा. इसके बाद राजकुमार ने प्रीती को वापिस मायके भेज दिया और कहा कि उसको हर कीमत पर एक कार चाहिए इसलिए वह मायके जाकर उसको पैसे लाकर देगी. उसके पति की बातों का उस पर ऐसा प्रभाव पड़ा कि प्रीती ने अपने घर बिजली की तार पकड़ कर स्विच ओन कर दिया. जिसके बाद उसको तेज़ करंट ने अपनी चपेटे में ले लिया और वहीँ उसने तडप तड़प कर अपनी जान दे दी.
दहेज़ न मिलने पर राजकुमार ने प्रीती को 5 नवम्बर 2017 को माये भिजवा दिया और उसको रूपये लेकर आने को कहा. जिसके बाद प्रीती ने अपनी जीवन लीला समाप्त कर दी. मिली जानकारी के मुताबिक जब सोमवार प्रीती के पिता वीरेंद्र उसके कमरे में उसको जगाने के लिए पहुंचे तो प्रीती की लाश बेड पर पड़ी देख सन्न रह गये. उसके बाद वीरेंद्र ने इस घटना की जानकारी पुलिस को दे दी और पुलिस मौके पर वहां पहुँच गयी. वीरेंद्र ने पुलिस को बताया कि उसने प्रीती की मौत की ख़बर उसके ससुराल वालों को भी दी लेकिन, वहां से कोई उसके अंतिम संस्कार पर नहीं आया.