
उत्तरकाशी: हैरान करने वाली बात है कि उत्तरकाशी जिला मुख्यालय से 60 किमी की दूर स्थित उडरी गांव में आज भी शौचालय नहीं है क्योंकि देवता इजाज़त इसकी नहीं देते. जहां पूरे देश में स्वच्छता अभियान कि बयार चल रही है वही आज भी एक ऐसा गांव है जो इस बयार से अछूता है, इस गांव के लोग खुले में ही शौच करते है . सीमांत जनपद उत्तरकाशी में देवताओं से डरकर लोगों ने इस अभियान पर ब्रेक लगा दिया हैं. उडरी गांव के लोगों का कहना है कि गांव के जाख देवता शौचालय बनाने की अनुमति नहीं देते हैं.
अभियान के चलते स्वजल परियोजना के अधिकारियों के समझाने पर कुछ लोगों ने शौचालय भी बनाए लेकिन बाद में देवता के कोप से डरकर उन्हें तोड़ भी दिया. कुछ लोग तो गांव छोड़कर दूर जा बसे हैं. यहां पहुंचने के लिए कोडार कस्बे से 6 किमी पैदल चलना पड़ता है. यहां की आबादी करीब 2 हजार है. ज्यादातर लोग खेती और पशुपालन करते हैं. यहां के स्थानीय शौचालय तो बनाना चाहते हैं लेकिन वो मानते हैं कि गांव के इष्ट जाख देवता इसकी इजाजत नहीं देते. बड़ी बात यह है कि पूरे गांव में किसी के घर में शौचालय नहीं है. सब खुले मे ही शौच करते हैं.