


केदार बाबा के कपाट बंद होते ही भगवान की उत्सव डोली केदारनाथ धाम से रवाना होकर अपने प्रथम पड़ाव रामपुर के लिए रवाना हुई। रामपुर में रात्रि विश्राम के बाद 22 अक्टूबर को बाबा केदार की उत्सव डोली फाटा, नारायणकोटी होते हुए रात्रि विश्राम के लिए विश्वनाथ मंदिर गुप्तकाशी पंहुची।
23 अक्टूबर को केदारनाथ की उत्सव डोली विश्वनाथ मंदिर से प्रस्थान कर पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में विराजमान हो गई। जिसके बाद गर्भगृह में विराजमान होने के बाद शीतकाल के छह माह तक यहीं पर भक्त दर्शन करेंगे। छह माह तक यहीं पर नित्य पूजाएं भी संपन्न होगी।
फिर केदारनाथ के रावल ने बाबा की भोग मूर्ति को डोली से उतारकर शीतकालीन गद्दी स्थल में विराजमान किया। केदारनाथ से ऊखीमठ तक डोली की अगुआई 6-कुमांऊ रेजीमेंट की बैंड धुनों ने की।