अमित शाह की पाठशाला में आखिर वही हुआ जिसका डर था !

बड़ी खबर : बीजेपी राष्टीय अध्यक्ष अमित शाह अपने दून दौरे के दौरान जैसे ही भाजपा कार्यकर्ताओं और संगठन के बड़े नेताओं से रूबरू हुए तो संगठन के अंदरखाने की कलह,शराबबंदी जैसे तमाम मुद्दों को बेबाकी से कार्यकर्ताओं ने संगठन के शीर्ष नेतृत्व के बीच रखा।

हरिद्वार आश्रम का कूड़ा बना मुद्दा

बीते दिनों जमकर सुर्खियों में रहे सतपाल महाराज और हरिद्वार के मेयर मनोज गर्ग के बीच का विवाद अभी ठंडा भी नहीं हुआ था। कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने अमित शाह के दरबार में इस मुद्दे को प्राथमिकता देकर उठाया और पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच की तल्खी को अमित शाह के सामने रखा। इतना ही नहीं आम जनता और सरकार के बीच के संवादहीनता के मुद्दे को लेकर भाजपा के तमाम कार्यकर्ताओं ने राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह को बेहतरी के लिए सुझाव दिए।

चमोली ने दिखाए तल्ख तेवर

उत्तराखंड में शराब को लेकर पिछले दिनों हुए आंदोलन फिर से राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के सामने भी यह मुद्दा गूंजा। देहरादून मेयर और धर्मपुर विधायक विनोद चमोली ने अमित शाह के सामने शराब के ठेकों के विरोध को लेकर खुलकर बात कही। चमोली ने कहा कि पहाड़ की महिलाओं पर शराब का विरोध करने के एवज में सरकार मुकदमें करवा रही है जो कि सरकार की छवि को खराब कर रहा है। अमित शाह की टीम ने सभी कार्यकर्ताओं के सुझाव और शिकायतों को लिखित तौर पर अपने बैठक के एजेंडे में शामिल कर दिया है। कुल मिलकर 65 कार्यकर्ताओं ने अलग-अलग सुझावों को अमित शाह के सामने रखा।

खंडूड़ी को भूली पार्टी 

आज जब होटल मधुबन में आला पदाधिकारियों की बैठक में शिरकत करने उम्रदराज गढ़वाल सांसद और सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री बी.सी.खंडूड़ी पंहुचे तो उनको बैठने के लिए जगह तक नहीं मिली। न ही मंच पर जगह रिजर्व मिली और न नीचे पहली पक्तिं में। बहरहाल जैसे तैसे खंडूड़ी के लिए जगह बनाई गई लेकिन नई भाजपा का नया प्रबंधन बता गया कि बदलती हुई भाजपा में बुजुर्गों के लिए कोई जगह नही है।

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