आखिर क्या है भारतीय महिला क्रिकेट की दिग्गज खिलाड़ियों के सफलता के राज,पढ़िए पूरी खबर

कहते है न सफलता किसी को भी आसानी से नहीं मिलती,इसके लिए कड़ी मेहनत और काफी त्याग करना पड़ता है हम बात कर रहे है भारतीय महिला क्रिकेट टीम के कुछ स्टार खिलाड़ियों की…हलाकि भारतीय महिला क्रिकेट टीम महिला वर्ल्डकप के फ़ाइनल मैच हार गई हो लेकिन यह मैच हारने के बावजूद महिला क्रिकेट टीम ने करोडो देश वासियो का दिल जीत लिया। आइए आपको बताते है भारतीय महिला टीम के खिलाड़ियों के सफलता के राज
महिला विश्व कप में भारत की ओर से सर्वाधिक रन बनाने वाली दूसरी बल्लेबाज बनी पूनम रावत की सफलता में उनके पिता का अहम् योगदान रहा | पूनम का परिवार काफी सामान्य है और उनका बचपन मुबई के प्रभा देवी में स्थित चौल में बिता | उनके पिता गणेश श्याम एक टैक्सी ड्राइवर  है | वह कहते हे की हमारा परिवार छोटे से झोपडी नुमा घर में रहता था और हमारे पास पूनम की कोचिंग के खर्च के  लिए ज्यादा पैसे नहीं थे | लेकिन अपनी बेटी का क्रिकेटर बनाने का सपना पूरा करने के लिए पिता गणेश ने अपना दिनरात मेहनत कर उसे नई किट लाकर दी | इसके बाद उन्होंने पूनम को शिवसेना स्पोर्ट्स क्लब में कोचिंग लेने के लिय भेजा . 2004 में पूनम की माँ क मृत्यु हो गयी| अगले ही दिन उन्हें मुंबई अंडर -14 और अंडर -19 टीम के लिय चुन लिया गया |
वंही वन-डे में सर्वाधिक विकेट लेने का कारनामा करने वाली तेज गेंदबाज झूलन गोस्वामी का क्रिकेटर बनाने का सफ़र भी आसन नहीं रहा | वेस्ट बंगाल की रहने वाली झूलन क्रिकेट से पहले फुटबॉल खेलती थी लेकिन 1992 में महिला विश्व कप में ऑस्ट्रेलिया की ख़िताबी जीत से उनके अंदर क्रिकेटर बनाने की ललक पैदा हुए | उस समय झूलन की उम्र 15 साल थी | लेकिन उनके परिवार को क्रिकेट पसंद नहीं था और वह चाहते थे की झूलन पढाई पर ध्यान केन्द्रित करे | पर,परिवार के विरोध के बाबजूद झूलन ने क्रिकेटर बनने की ठान ली थी | उनके गृहनगर में क्रिकेट की ज्यादा सुबिधाएं नहीं थी |
बेंगलुरु के एक छोटे शहर चिकमग्लुर की रहने वाली वेदा कृष्णमूर्ति के पिता केबल ओपरेटर हैं | चार भाई -बहनों में सबसे बड़ी वेदा के लिए भी क्रिकेट की सूविधाऐ बहुत  ज्यादा नहीं थी . वेदा 12 साल के ही उम्र में ही जुडो में डबल ब्लैक बेल्ट हो गयी लकिन उसकी दिलचस्पी क्रिकेट मई थी . ऐसे में वेदा के पिता ने अपनी बेटी का सपना पूरा करने के लिए उन्हें २५० किलोमीटर दूर बेंगलोर भेजने का फैसला किया . अपने घर दूर रह कर वेदा ने क्रिकेट की कोचिंग ली और परिवार का सपना पूरा किया . वेदा को अपनी माँ से भी क्रिकेट में कैरिएर बनाए का समर्थन मिला..
उत्तराखंड की स्पिनर एकता बिष्ट को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट सीरीज के लिए भारतीय महिला टीम में जगह दी गई। अल्मोड़ा निवासी एकता 16 नवंबर से शुरू हो रहे एकमात्र टेस्ट मैच में बतौर स्पिनर खेलेंगी।अल्मोड़ा के खजांची मोहल्ले से निकलकर एकता बिष्ट ने टीम इंडिया में जगह मजबूत कर ली है। श्रीलंका में हुए टी-20 विश्व कप से बाहर होने के बाद क्वालीफाइंग मैच में एकता ने हैट्रिक लेकर कीर्तिमान बनाया। टी-20 और वनडे मैचों में शानदार प्रदर्शन करते हुए एकता ने टेस्ट टीम में भी जगह बनाई।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here