देवभूमि की सेवा के लिए कितने ‘आईएएस’ अफसर आये और गए पर इनमे कुछ ही ऐसे होते है जो लोगो के दिलो दिमाग पर अपनी छाप छोड़ पाते हैं और जिन्हें भूलाना किसी के लिए भी नामुमकिन है, ऐसी ही मिसाल है ये जोड़ी- अपने काम को लेकर सुर्खियों में रहने वाले डीएम मंगेश घिल्डियाल को मिला है साथ उनकी अर्धांगिनी ऊषा घिल्डियाल का। दोनों ने मिलकर कुछ ऐसा कर दिखाया है जो हर किसी के लिए उदहारण और चर्चा का विषय बन गया है ।
मंगेश अपने रूटीन चेक के दौरान रुद्रप्रयाग के राजकीय गर्ल्स इंटर कॉलेज गए थे, जहां उन्हें स्कूल में साइंस के टीचर के अभाव का पता चला। इस बात से चिंतित मंगेश ने इस बारे में अपनी पत्नी से बात की और अपनी पत्नी ऊषा घिल्डियाल से स्कूल में किसी शिक्षक की तैनाती होने तक पढ़ाने को कहा, पति के इस प्रस्ताव को स्वीकारते हुए पत्नी ने ना सिर्फ अपने पति को सहयोग दिया बल्कि इन् के इस कदम से स्कूल की छात्राओं को उनकी साइंस की टीचर मिल गई।
मंगेश की पत्नी ऊषा घिल्डियाल ने खुद पंतनगर यूनिवर्सिटी से प्लांट पैथलॉजी में पीएचडी किया है ।’ निस्वार्थ और निशुल्क रूप से उषा घिल्डियाल कक्षा 9 और 10वीं की छात्राओं को विज्ञान पढ़ा रही हैं. वह प्रतिदिन दो से ढाई घंटे स्कूल में बच्चों की पढ़ाई को दे रही हैं। महेश और उनकी पत्नी का ये सरहानीय कदम वाकई में मिसाल है ।