सचिवालय में बुधवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में सुशासन को केंद्र में रखकर कई फैसलों पर मुहर लगाई गई। जिसका जनता को लाभ होना तय है.
मंत्रिमंडल के फैसलों को ब्रीफ करते हुए सरकार के प्रवक्ता व काबीना मंत्री मदन कौशिक ने बताया कि
- अब जिलों के प्रभारी मंत्रियों को प्रत्येक डेढ़ महीने में एक बार अनिवार्य रूप से संबंधित जिलों में डेरा डालना होगा। इससे जिला स्तरों पर नई योजनाओं का खाका खींचने, उनके क्रियान्वयन और उसे लेकर जनता के फीडबैक पर खुद प्रभारी मंत्री बारीकी से नजर रख सकेंगे।
- जिला और तहसील स्तर पर जनता को सुशासन का अहसास कराया जाएगा। इन दोनों ही स्तरों पर जन समस्याओं के समाधान के लिए सरकारी तंत्र चुस्त होगा। जिलों में प्रत्येक माह के पहले मंगलवार को तहसील दिवस आयोजित किए जाएंगे। जिलाधिकारी प्रत्येक सोमवार को दो घंटे अपने कार्यालय में अनिवार्य रूप से जन समस्याओं की सुनवाई करेंगे।
- स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को तोहफा दिया। उन्हें पोती और नातिन की शादी के लिए दी जाने वाली धनराशि चार हजार रुपये से बढ़ाकर 50 हजार रुपये की गई है।
- जिलों में हर महीने के पहले मंगलवार को तहसील दिवस होंगे। अभी जन समस्याओं की सुनवाई मुख्यमंत्री आवास में हो रही है।
- मंत्रिमंडल ने जिलाधिकारियों को अब प्रत्येक सोमवार को सुबह दस बजे से दोपहर 12 बजे तक अपने कार्यालयों में जन समस्याओं का निराकरण करना होगा। इस व्यवस्था को भी अनिवार्य किया गया है।
- उच्च व चिकित्सा शिक्षा की तर्ज पर आयुष शिक्षा में कार्यरत शिक्षकों की सेवानिवृत्ति आयु सीमा 60 वर्ष से बढ़ाकर 65 वर्ष की गई है।
- महिलाओं को 20 लाख के बजाए अब 25 लाख तक अचल संपत्ति की खरीद पर स्टांप शुल्क में 25 फीसद की छूट मिलेगी, लेकिन ये छूट जीवनकाल में सिर्फ दो बार ही अनुमन्य होगी।