मामला जुड़ा है उत्तराखंड स्टेट सीड एंड ऑर्गनिक प्रोडक्शन सर्टिफिकेशन एजेंसी से। कृषि विभाग के अंतर्गत गठित किये गए उत्तराखंड स्टेट सीड एंड ऑर्गनिक प्रोडक्शन सर्टिफिकेशन एजेंसी किसानों अथवा अन्य स्रोतों से बीज एकत्रित करके किसानों को विभिन्न प्रकार की फसलों के उन्नत किस्म के बीज उपलब्ध करवाती है। एजेंच्य विभिन्न परीक्षणों के उपरांत इन उन्नत किस्म के बीजों को प्रमाणित करती है और इसके उपरांत बीज के बैग पर प्रमाणीकरण टैग लगाकर बीज की शुद्धता और उन्नत प्रजाति की गारंटी भी देती है ।
अब हैरान करने वाली बात यह हुई है की शुद्धता की गारंटी देने वाले टैग खुले बाजार में पाए गए है । इसका सीधा मतलब यह हुआ कि एक तो साधारण बीज किसानों को बेचे जा रहे है इससे फसलो की हानि होना भी तय ही है और दूसरा यह कि वित्तीय अनियमितता भी की जा रही है।
अब सवाल यह उठता है कि उत्तराखंड में खेती की स्थिति भले ही अच्छी नहीं हैं, लेकिन बावजूद इसके कृषि महकमा इतनी लापरवाही दिखा रहा है। अपने इस कारनामे से कृषि महकमा सवालों के कठघरे में है। आपको बता दे कि बीज प्रमाणीकरण निरीक्षक के हस्ताक्षर व मोहर लगे ये टैग जब खुले बाज़ार में मिलने पर कृषि मंत्री सुबोध उनियाल भी हैरान रह गए। उन्होंने तत्काल कार्यवाही करते हुए निदेशक कृषि को मामले की जांच कर हफ्तेभर के भीतर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।