उत्तराखंड में सत्ताधारी पार्टी भाजपा के कुछ नेताओं ने पिछले 16 सालों में विधानसभा, सचिवालय में की गई नियुक्तियों की जांच करने की मांग की है।
भाजपा नेता रवींद्र जुगरान ने स्पीकर प्रेम चन्द्र अग्रवाल को जांच की मांग की है, उन्होंने आरोप लगाया है कि करीब 700 नियुक्तियों में नियमों को अनदेखा कर दिया गया है।
जुगरान ने स्पीकर को लिखे पत्र में, आरोप लगाया है कि विधानसभा और सचिवालय में पिछली नियुक्ति न्याय के खिलाफ थी और इनमे संविधान के अनुच्छेद 14 और अनुच्छेद 16 को अनदेखा कर दिया है जो नागरिकों के समान अधिकारों की गारंटी देता है।
गोविंद कुंजवाल को छोड़कर, अन्य सभी विधानसभा अध्यक्ष भाजपा के हैं। प्रकाश पंत पहली कार्यवाहक सरकार के अध्यक्ष थे। 2002 में पहली विधानसभा चुनाव के बाद, यशपाल आर्य को स्पीकर बनाया गया था। कांग्रेस के पूर्व नेता आर्य अब भाजपा के साथ हैं। 2007 में, हरबंस कपूर स्पीकर बने 2012 में सत्ता में आने वाली कांग्रेस सरकार ने गोविंद कुंजवाल को स्पीकर के रूप में नियुक्त किया था।
जुगरान का कहना है कि व्यक्तिगत आरोप नहीं लगा रहे है, बल्कि प्रक्रियाओं के बिना किए गए नियुक्तियों पर सवाल उठा रहे है। राज्य भाजपा अध्यक्ष अजय भट्ट ने भी कांग्रेस शासन के दौरान विपक्ष के नेता के रूप में पिछली नियुक्तियों पर सवाल उठाया था।