छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में सोमवार को 26 सीआरपीएफ जवान शहीद हो गए और छह अन्य घायल हो गए, यह हाल के वर्षों में देश के सुरक्षा बलों पर सबसे घातक हमले में से एक हैं।
कब हुआ
मुठभेड़ दक्षिण बस्तर में बुर्कापल-चिंतागुफा इलाके के बीच लगभग 12.30 बजे हुई, राज्य के सबसे घातक माओवादी हिंसा प्रभावित क्षेत्र में से एक हैं।
ये कैसे हुआ
सीआरपीएफ की 74 वीं बटालियन की सड़क खोलने वाली पार्टी सूक्कमा जिले के एक वन क्षेत्र में एक निर्माणाधीन सड़क को साफ़ कर रही थी। जवान सड़क बनाने वाले मजदूरों की रक्षा कर रहे थे, जब नक्षलियों ने उनके पहाड़ी क्षेत्रों में ग्रेनेड फेंक कर आग लगा दी थी।
हताहत
कम से कम 26 जवान शहीद हुए और छह अन्य घायल हो गए। घायल सैनिकों में सहायक उप-निरीक्षक आर पी हेमब्रम और कांस्टेबल स्वरुप कुमार, मोहिंदर सिंह, जितेंद्र कुमार, शेर मोहम्मद और लाटू ओरॉन शामिल हैं। ओरॉन गंभीर स्थिति में है जबकि अन्य को खतरे से बाहर बताया गया था। माओवादियों ने शहीद हुए जवानो के हथियार और गोलाबारी लूट ली थी।
बचाव
सैनिकों को निकटतम सीआरपीएफ शिविर में ले जाया गया। घायल सैनिको को हमले की जगह से रायपुर के अस्पतालों तक पहुंचाया गया।
एयर कमोडोर अजय शुक्ला, आईएएफ के नक्सल टास्क फोर्स के टास्क फोर्स कमांडर ने कहा, “जैसे ही हमें हमला से अवगत कराया गया, जगदलपुर की दो आईएएफ एमआई -17 वी 5 वी तुरंत बर्कपाल के लिए रवाना हो गई।”
एक जवान ने अपने शब्दों में घटना का ब्यौरा दिया
सीआरपीएफ कांस्टेबल शेर मोहम्मद हमले में घायल हो गए थे, उन्होंने बताया कि “पहले नक्सलवादियों ने हमारे स्थान का पता लगाने के लिए ग्रामीणों को भेजा, फिर लगभग 300 नक्सलियों ने हम पर हमला किया। हम ने भी गोलीयां चलाई और कई लोगों को मार डाला, वे करीब 300 थे और हम लगभग 150 थे, हम गोलीबारी करते रहे। मैंने भी 3-4 नक्षलियों के सीने में गोली मारी”