आदमियों को स्वस्थ रखने के लिए क्या करना चाहिए, पढ़िए यह अजीब और आश्चर्यजनक रिसर्च!

आदमी खुद को स्वस्थ रखने के लिए लोग बहुत कुछ करता है. बहुत से आदमी डाइटिंग करते है, जिम जाते है , प्राणायाम करते है, मेडिटेशन भी रेगुलर करते है. लेकिन उलझन बरी इस ज़िन्दगी में यह सब चीज़े लगातार करना बहुत  मुश्किल होता है. ऐसे में एक बेहतर और स्वस्थ ज़िन्दगी जीना सभी के बसकी बात  नहीं रह जाती .

मेडिकल डेली एक जानी मानी वेबसाइट है जिसने एक रिसर्च छापा है और कुछ बाते बताई है कहा है की अगर आप यह सब काम करते है  तो एक हेल्दी लाइफ़स्टाइल जी सकते हैं.

यह रिसर्च जानने के बाद हो सकता है आपको थोडा अजीब लगे लेकिन अब जो रिसर्च में लिखा है वह तो हमे आपको बताना ही चाहिए:

Breasts को घूरना

एक स्टडी से सामने आया है कि Breasts को देखने पर पुरुषों में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और ये पॉज़िटिव ऊर्जा, लोगों की ज़िन्दगी बेहतर करने के काम आती है.  ये भले ही महिलाओं को बेहद असहज करने वाली बात हो, लेकिन पॉजिटिव ऊर्जा किस हद तक लोगों की ज़िंदगी प्रभावित कर सकती है  2012 में हुई एक स्टडी में एक अस्पताल के दिल के मरीज़ों को सुबह-सुबह कुछ सकारात्मक लिखने को कहा गया था. ऐसा रोज़ करने के कुछ ही दिनों बाद ये मरीज़ मानसिक और शारीरिक रुप से बेहतर महसूस कर रहे थे.

सेक्स

BMJ की एक स्टडी के अनुसार, सेक्स आपको कैंसर से बचाता है, दिल को स्वस्थ रखता है ,इससे तनाव कम होता है , सेक्स के बाद नींद भी अच्छी आती है  और आपकी लाइफ़स्टाइल के लिए अच्छा और ज़रुरी ऑप्शन है. एक रिसर्च के अनुसार, नियमित Orgasms आपकी ज़िन्दगी को तीन सालों से आठ सालों तक बढ़ा सकता है.

शादी

कहीं न कहीं, इसका श्रेय शादी होने के बाद लोगों की लाइफ़स्टाइल में आने वाले बदलाव को दिया जा सकता है. 25 साल के बाद होने वाली शादियों को ही आपकी ज़िंदगी के लिए बेहतर माना गया है क्योंकि अक्सर इस उम्र तक पहुंचते-पहुंचते लोगों के शादी से जुड़े फै़सले परिपक्व होते हैं. ये सच है कि शादीशुदा लोग सिंगल लोगों की तुलना में कहीं ज़्यादा जीते हैं.

बच्चे पैदा करें

सुनने में ये भले ही ज़िम्मेदारी का पहाड़ लगे , लेकिन एपिडेमियोलॉजी एंड कम्युनिटी हेल्थ के एक जर्नल में दिलचस्प तुलना सामने आई है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, 60 की उम्र वाले सिंगल लोगों की तुलना में बाल-बच्चे वाले लोगों की जीने की संभावना दो साल अधिक होती है. वहीं शादीशुदा महिलाओं में यही सीमा डेढ़ साल अधिक बढ़ जाती है.

इस रिसर्च में छपे तरीके सुनकर आप भले ही खुश होल, लेकिन ध्यान रहे ज़िंदगी में चीज़ों को लेकर बैलेंस बनाए रखना बेहद ज़रूरी है. 

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