उत्तराखंड को तो अपना नया सीएम मिल गया हैं और आज यूपी को भी अपना नया मुख्यमंत्री मिल जाएगा। यूपी में सीएम की रेस में तीन चहेरों के नाम चर्चाओं में है। जानिए क्यों हैं ये नाम चर्चाओं में….

मनोज सिन्हा

यूपी के सिंहासन पर विराजमान होने से पहले सिन्हा शनिवार सुबह दर्शन करने काल भैरव मंदिर पहुंचे. यहां उन्होंने चौसट जोगिनी और नव ग्रह पूजन किया. इसके बाद वह विश्वनाथ मंदिर और संकटमोचन के भी दर्शन करने पहुंचे.

आईआईटी बीएचयू से पढ़े मनोज सिन्हा की छवि काफी साफ सुथरी है. मनोज सिन्हा राजनीति में सक्रिय रहे और सिन्हा बनारस हिंदू विश्वविद्यालय में छात्र संघ के अध्यक्ष थे। मोदी सरकार में रेल राज्य मंत्री बने, पीएम मोदी की नजर में उन्होंने वाराणसी के लिए अच्छा काम किया। मनोज सिन्हा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के करीबी माने जाते हैं। पीएम मोदी और मनोज सिन्हा के बीच आरएसएस के दिनों से ही अच्छे संबंध हैं।

आज वो गाजीपुर में अपने गांव जाकर पैतृक देवता ठाकुर जी के दर्शन करने वाले हैं। घरवालों के मुताबिक ऐसा तभी होता है जब खानदान का कोई सदस्य़ नया काम करने जाता है। घरवालों की उम्मीदें तो बढ़ गयी हैं लेकिन मनोज सिन्हा अपने आप को मुख्यमंत्री की इस रेस से बाहर बता रहे हैं।

केशव प्रसाद मौर्य

उत्तर प्रदेश में बीजेपी को बड़ी जीत दिलाने वालों में केशव प्रसाद मौर्य की भूमिका से कोई इनकार नहीं कर सकता। सीएम बनें या नहीं लेकिन इससे भी इनकार नहीं किया जा सकता कि नतीजों के बाद से ही केशव प्रसाद मौर्य सीएम की रेस में रहे हैं।

केशव प्रसाद के पक्ष में सबसे बड़ी बात ये है कि वो प्रदेश में बीजेपी का सबसे बड़ा ओबीसी चेहरा हैं. केशव संघ से भी जुड़े रहे हैं. जिस तरह पीएम मोदी कभी चाय बेचा करते थे, उसी तरह केशव प्रसाद मौर्य ने भी घर का खर्च चलाने के लिए चाय बेची थी।

योगी आदित्यनाथ 

बीजेपी के लिए पूर्वांचल का सबसे बड़ा नाम माने जाने वाले योगी आदित्यनाथ को भी मुख्यमंत्री पद का मजबूत दावेदार माना जा रहा है, लेकिन खुद योगी इस बारे में कुछ भी कहने से बच रहे हैं।

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