नई दिल्ली: मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के प्रधान सचिव रहे राजेंद्र कुमार ने वॉलंटरी रिटायरमेंट मांगा है। साथ ही उन्होंने 12 पेज का लेटर भी लिखा है। जिसमें उन्होंने सीबीआई पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
लेटर में राजेंद्र कुमार ने अपने संघर्ष और अलग-अलग पदों पर मिली सफलता की कहानी बयां की है। उनका कहना है कि सीबीआई ने उन्हें और मुख्यमंत्री को फंसाने के लिए लोगों पर दबाव डाला और बहुत से लोगों की पिटाई भी की।सीबीआई ने उन पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ बयान देने के लिए दबाव डाला था और ऐसा करने पर उन्हें छोड़ने की बात भी सीबीआई ने कही थी। ’ उन्होंने सीबीआइ पर आरोप लगाया कि उनसे जबरन मेल का एक्सेस हासिल किया गया और धमकी भी दी गई।
राजेंद्र कुमार ने लेटर में लिखा है कि उन्हें मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया जाता रहा, लेकिन वह अपने मूल्यों से नहीं हटे। कुमार का कहना है कि बंसल सूइसाइड केस के बाद वह बार-बार यह सोच रहे हैं कि क्या देश में न्याय है?
बता दें कि सीबीआई ने पिछले साल जुलाई में भ्रष्टाचार के आरोप में राजेंद्र कुमार को गिरफ्तार किया था। सीबीआई 50 करोड़ रुपये के कथित घोटाले से जुड़े केस में गिरफ्तारी से पहले उनसे कई महीनों से पूछताछ कर रही थी। राजेंद्र कुमार अरविंद केजरीवाल के सबसे भरोसेमंद और प्रिय नौकरशाहों में से एक हैं। मिसाल के लिए जब केजरीवाल ने 49 दिन के पिछले कार्यकाल के दौरान भी राजेंद्र कुमार को ही अपना प्रधान सचिव बनाया था। राजेंद्र की नियुक्ति को लेकर केजरीवाल दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग से भी जंग कर चुके हैं और उनकी अनदेखी करते हुए नियुक्ति कर दी थी।