नई दिल्ली: हर साल ’26 दिसंबर’ का दिन हार्ट के पेशेंट्स के लिए काफी खतरनाक होता है. इस दिन हार्ट अटैक, अरहाइथमाइस, अचानक कार्डिएक अरेस्ट यानी हार्ट फेल्योर हो जाने के मामले ज्यादा देखे जाते हैं.
क्या कहती है रिसर्च
एक ताजा शोध में यह बात सामने आई है कि हार्ट के पेशेंट्स में 26 दिसंबर को समस्याएं अचानक बढ़ जाती हैं. यह भी पता चला है कि क्रिसमिस के चार दिनों के बाद हार्ट फेल्योर होने के मामले 33% बढ़ जाते हैं.
शोध में पता चला है कि हार्ट के पेशेंट्स में से 5 % की मौत छुट्टियों में हो जाती है. वे घर में रहते हैं और हार्ट अटैक का ट्रीटमेंट करवाने में देरी कर देते हैं.
क्या कहते हैं डॉक्टर
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के अध्यक्ष पद्मश्री डॉ. के.के. अग्रवाल ने बताया कि विंटर्स और फेस्टिवल्स में ज्यादा मौज- मस्ती का हेल्थ पर नेगेटिव असर हो सकता है. लोगों को इस बात के लिए अवेयर करना होगा कि वे सेहतमंद डायट लें, रेगुलर एक्सरसाइज करें और एल्कोहल से दूर रहें, क्योंकि ये हार्ट को हेल्दी रखने के लिए जरूरी हैं. यह जरूरी है कि लोग ज्यादा ट्रांसफैट, मीठे और नमक का सेवन न करें और उनकी जगह ताजा फल और सब्जियों का सेवन कर फिट रहें.
सर्दियां क्यों है दिल के रोगियों के लिए खतरनाक
डॉ. अग्रवाल ने बताया कि सर्दियां दिल के दौरे, हार्ट फेल होने और अरहाइथमाइस के मरीजों के लिए काफी खतरनाक होती हैं. ठंडा मौसम दिल पर भारी पड़ता है. ठंड के कारण ब्लड वैसल्स सिकुड़ जाती हैं और ब्लडप्रेशर बढ़ जाता है. ब्लड भी जल्द जमने लगता है. गिरता टेम्प्रेचर हार्ट पर प्रेशर बढ़ा देता है और ज्यादा फीजिकल टायरडनेस से उस पर बोझ बढ़ जाता है, ऐसे में दिल का दौरा पड़ सकता है.
शराब पीना भी है एक कारण
डॉ. अग्रवाल का कहना है कि क्रिसमस के दिनों में शराब ज्यादा पीने से एट्रियल फिब्रिलेशन होती है, जिसमें दिल की धड़कन अनियमित हो जाती है. अगर ऐसा लगातार होता रहे तो इसका रिजल्ट ‘स्ट्रोक’ के रूप में सामने आता है.
डॉ. अग्रवाल का कहना है कि क्रिसमिस के बाद लोग अक्सर सांस फूलने और सीने में दर्द जैसे दिल के दौरे के सिम्टम्स को इनडायजेशन समझ लेते हैं. अगर दिल का दौरा पड़े तो इलाज करवाने में 12 घंटे से ज्यादा देर नहीं करनी चाहिए.