“जो निरंतर चलते रहते हैं वही बदले में मीठा फल पाते हैं। सूरज की अटलता को देखो – गतिशील और लगातार चलने वाला, कभी ठहरता नहीं, इसलिए बढ़ते चलो” ….. सच ही तो है। पीएम नरेद्र मोदी के इन प्रेरणादायक शब्दों का ही तो कमाल है जो आज देश का युवा मोदी, मोदी की रट लगा रहा है। मानों युवाओं के सर मोदी का जादू चढ़ कर बोल रहा हो।
सोशल मीडिया से लेकर पब्लिक प्लेस पर आज लोग प्रधानमंत्री की तारीफ करते थकते नही। पीएम मोदी का भी मानना है कि देश के युवाओं की वजह से ही आज वो प्रधानमंत्री के पद पर आसीन है। 16वीं लोकसभा के चुनाव नतीजों में 30 वर्षों बाद कोई पूर्ण बहुमत वाली सरकार आई है। इस चुनाव में देश के युवाओं का अहम योगदान रहा है। देश में बदलाव की उम्मीदों के साथ युवाओं ने मोदी सरकार को बड़े बहुमत के साथ जिताया है।
हाल में किया नोटबंदी के फैसले से भले ही विपक्ष में हाहाकार मचा रहा है पर सड़कों पर कतार लगाए खड़े देश के युवा मोदी के सुर में सुर मिला रहे है और कह रहे है कि थोड़ी सी तकलीफ देश के लिए कुछ भी नही हम मोदी के साथ है। आई सपोर्ट नमो…
पर इस बात को भी नही झूठला सकते कि मोदी को युवाओं का ये साथ केद्र में आने के बाद ही मिला। मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में लोगों की प्रशंसा कम आलोचनाएं ज्यादा झेली है। पर लोकसभा चुनाव ने मोदी को ब्रांड बना दिया। नतीजा ये रहा कि बाजार में वस्तुओं को भी मोदी के नाम से जोड़कर बेचा जा रहा है।
2017 में विधानसभा चुनाव है। इन विधानसभा चुनाव में भी उम्मीद लगाई जा रही है कि मोदी लहर और पार्टियों को हिला देगी।
भारत में कम से कम 35प्रतिशत युवा आबादी है। मोदी का हिंडन एजेंडा शायद देश के युवाओं को रिझाना ही था। जिसमें वो काफी हद तक सफल भी रहे है। फेसबुक से लेकर व्हाटअप और ट्वीट्र तक युवा मोदी के कार्यो के कसीदे पढ़तें नही थकते।
मेदी की इस सफलता के पीछे जितना हाथ युवाओं का है उतना शायद किसी और का न हो। युवाओं की माने तो उनका मानना है कि नरेद्र मोदी देश के युवाओं की आवाज बनकर भारत को मजबूती देगें। खैर एक बार मोदी की लोकप्रियतालोकसभा चुनावों में देखी गई अब 2017 में होने वाले विधानसभा चुनाव तय करेंगे कि अब भी मोदी युवाओं की पसंद है या मोदी की लहर कुछ कम हुई है।