संसद से सड़कों तक प्रदर्शन: भारत बंद और जन आक्रोश दिवस,आप किसके साथ है !!!

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नोटबैन पर विपक्ष ने अब संसद से बाहर सड़कों पर प्रदर्शन करने का मन बना लिया है। पर बड़ी बात ये है कि विपक्ष में फूट पड़ गया है। इसलिए विपक्ष में शामिल कुछ पार्टिया भारत बंद करने के मूड में है तो कुछ आक्रोश दिवस मनाने में। इससे पहले भारत बंद का कांग्रेस, सपा, बसपा, टीएमसी, सीपीएम, सीपीआई, एनसीपी और आरजेडी द्वारा समर्थन करने की खबर आई थी.

नोटबंदी के खिलाफ विपक्ष के साथ एक भी बड़ी पार्टी भारत बंद में शामिल नहीं है. कांग्रेस ने एलान किया है कि वह आज जन आक्रोश दिवस मनाएगी. पार्टी नेता जयराम रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘धमाका’ राजनीति में भरोसा रखते हैं और बड़े नोटों को बंद करने का फैसला इसलिए लिया गया क्योंकि उन्हें उत्तर प्रदेश में कुछ संभावनाएं दिखाई दीं जहां अगले साल चुनाव होने हैं. उन्होंने दावा किया कि विदेशों में जमा कालेधन को वापस लाने के प्रधानमंत्री के बड़े चुनावी वादे को पूरा करने में सरकार की नाकामी को ढकने के लिए 1000 और 500 रुपये के नोटों को बंद किया गया था और मोदी कुछ ‘नाटकीय’ करना चाहते थे.

नोटबंदी के मुद्दे पर विरोध जताने के तौर-तरीकों को लेकर विपक्ष में मतभेद उभर आए हैं. माकपा और भाकपा सहित वामपंथी पार्टियों ने नोटबंदी के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराने के लिए पश्चिम बंगाल में 12 घंटे के बंद का आह्वान किया है जबकि ममता बनर्जी की अगुवाई वाली तृणमूल कांग्रेस इस बंद में शामिल नहीं होगी और सिर्फ विरोध प्रदर्शन करेगी. वहीं यूपी में समाजवादी पार्टी ने भी भारत बंद के फैसले से खुद को अलग कर लिया.

 

दिल्ली में भी आज कोई बंद नहीं है, आम आदमी पार्टी सिर्फ जिला मुख्यालयों के बाहर प्रदर्शन करेगी. नोटबंदी का सबसे ज्यादा विरोध करने वाली ममता बनर्जी भी भारत बंद में शामिल नहीं हैं. ममता आज दोपहर कोलकाता में मार्च निकालेंगी. हालांकि लेफ्ट ने पश्चिम बंगाल, केरल और त्रिपुरा में भारत बंद की अपील की है लेकिन लगता नहीं है कि बंगाल में इसका कोई खास असर होगा.

 

सेंट्रल ट्रेड यूनियन को-आर्डिनेशन कमेटी के अध्यक्ष डॉ जी संजीव रेडडी का कहना है, ‘’लोग बेजार और परेशान हैं. . बीएमएस को छोड़ कर सभी मजदूर यूनियन इस बंद में शामिल हैं. ट्रांसपोर्ट, ऑटो और रेहड़ी पट्टी वाले असंगठित क्षेत्र के दुकानदार इस बंद में शामिल होंगे. बाकी क्षेत्रों में विरोध प्रदर्शन करेंगे.”

दिल्ली में कुल दस ट्रेड यूनियन इस बंद के पक्ष में हैं. इनमें कांग्रेस से जुड़े INTUC, AITUC, HMS, UTUC और CITU शामिल हैं.

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