नई दिल्ली : मौसम में बदलाव आते ही लोगों में कोलेस्ट्रोल के बढ़ने की शिकायत बढ़ने लग जाती है। फास्ट फूड इसका एक कारण हो सकता है। खाने में फैट की मात्रा अधिक इस्तेमाल होने पर अंत में वह कोलेस्ट्रॉल के स्तर को ही बढ़ावा देता है। खून का गाढ़ा होना, दिल से संबंधी रोगों की शेकायत होना इसमें आम बात हो जाती है। मौसम के बदलाव के साथ ब्लड लिपिड स्तर में भी उतार-चढ़ाव हो सकता है।
मौसम के बदलाव के साथ ब्लड लिपिड स्तर में उतार-चढ़ाव हो सकता है। सर्दियों में यह बढ़ सकता है, जबकि गर्मियों में यह कम हो सकता है। यह उतार-चढ़ाव पांच एमजी तक का हो सकता है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के मनोनीत अध्यक्ष केके अग्रवाल का कहना है कि ब्लड कोलेस्ट्रोल स्तर का सीधा संबंध दिल के रोगों से है। ब्लड कोलेस्ट्रॉल का स्तर जितना ज़्यादा होगा, दिल के रोगों और दौरे का खतरा उतना ही ज़्यादा होगा। भारत में महिलाओं और पुरुषों की मौतों का सबसे बड़ा कारण दिल का दौरा है। कोलेस्ट्रॉल स्तर में 10 प्रतिशत की गिरावट से दिल के दौरे की संभावना 20 से 30 प्रतिशत तक कम हो जाती है। इसलिए हाई कोलेस्ट्रॉल की जांच, इलाज और बचाव के बारे में जागरूक होना बेहद ज़रूरी है।
सीरम टोटल और एचडीएल-कोलेस्ट्रोल की जांच भूखे पेट और खाने के बाद की जाती है। इन दोनों के माप में मामूली सा चिकित्सकीय फर्क होता है। तनाव, मामूली बीमारी और गलत पॉश्चर की वज़ह से किसी व्यक्ति में चार से 11 प्रतिशत तक कोलेस्ट्रॉल की मात्रा का फर्क हो सकता है। अलग-अलग प्रयोगशाला से भी 14 प्रतिशत तक का फर्क आ सकता है। यानि अगर किसी का सीरम कोलेस्ट्रॉल 200 एमजी आया है, तो यह 172 से 228 एमजी के बीच हो सकता है। अगर अचूक जांच की ज़रूरत हो, तो एक से ज़्यादा बार जांच करानी चाहिए। सीरम एचडीएल-सी और ट्राइग्लिसराइड्स में इससे भी ज़्यादा फर्क हो सकता है।
एक मानक सीरम लिपिड प्रोफाइल में टोटल कोलेस्ट्रॉल, ट्राइग्लिसराइड्स और एचडीएल कोलेस्ट्रॉल शामिल होता है। लिपिड प्रोफाइल भूखे रहने के 12 से 14 घंटे बाद कराना चाहिए। इसके लिए प्लाज्मा या सीरम स्पेसिमन का प्रयोग किया जा सकता है। सेरम कोलेस्ट्रॉल प्लाजमा की तुलना में तीन प्रतिशत तक कम होता है।
सैचुरेटेड फैट अस्वस्थ एलडीएल बढ़ाते हैं और ट्रांस फैट को कम करते है, जो एलडीएल और प्रोटेक्टिव एचडीएल को बढ़ाता है। इसलिए इसका परहेज करें। उसकी जगह पर सेहतमंद अनसैचूरेटिड फैट जो मछली, नट्स और वेजीटेबल ऑयल्स में शामिल होता है, उन्हें प्रयोग में लाएं। होल ग्रेन ब्रेड, पास्ता, सीरियल्स ब्लड शूगर बढ़ने से बचाते हैं और दिनभर पेट भरा रखते हैं। इनमें फाइबर होता है, जो एलडीएल का स्तर कम करता है। ज्यादा फल और सब्जियां खाएं।