कही खुशी कही गम: किसानों और मंडीकारोबारियों को राहत पर इन लोगों की अनदेखी….

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नोटबंदी ने देशभर में हंगामा मचा दिया है। और सबसे ज्यादा परेशानी किसानों, मंडी और शादी वाले घरों में हो रही है। इसके अलावा आम मध्यम परिवार भी रोजाना नकदी बदलने और निकालने की परेशानियों से दो-चार हो रहा है। बरहाल सरकार में किसानों और जिन लोगों के घर शादी है उन लोगों को राहत देते हुए बड़ी घोषणा की है।

नोटबंदी पर नई गाइडलाइंस

नोटबंदी पर सरकार ने आज नई गाइडलाइंस जारी की। आर्थिक मामलों के सचिव शक्तिकांत दास ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कई नए ऐलान किए। उन्होंने कहा कि किसान हफ्ते भर में 25 हजार रुपये निकाल सकते हैं। इसके अलावा किसान क्रेडिट कार्ड से भी 25 हजार रुपये निकाल सकते हैं। किसान चेक से भी पेमेंट कर सकते हैं। किसानों को लोन चुकाने के लिए और 15 दिन की मोहलत दी जाती है।

मंडी कारोबारियों को भी राहत

इस तरह मंडी कारोबारियों को भी बड़ी राहत दी गई है. वो भी हफ्ते में 50,000 रुपये की निकासी कर पाएंगे. सरकार ने इसके साथ ही सबसे बड़ी राहत उन परिवारों को दी है, जहां शादी होनी है. शादी वाले परिवार 2.5 लाख रुपये निकाल सकते हैं. शादी वाले परिवारों को बैंक को शादी का कार्ड दिखाना होगा.

नकदी एक्सचेंज पर बड़ी चोट

दूसरी तरफ सरकार ने नकदी एक्सचेंज पर बड़ी चोट की है. कल से कोई भी शख्स 4500 रुपये के बजाए सिर्फ 2000 रुपये ही नकदी बदल सकता है.

इन लोगों की अनदेखी…

सरकार की ये घोषणाएं किसानों, मंडी कारोवारियों के लिए तो अच्छी है। पर उन लोगों का क्या जो रोजाना अस्पतालों के मंहगे ईलाजों में पैसों के लिए इधर उधर भाग रहे है। साथ ही ये घोषणा उन गरीब लोगों के लिए भी झटका है जो रोजाना मजदूरी करके अपना खर्चा चलाते है।  स्कूल में बच्चों की फीस भरते है।

मोदी सरकार कीजारी की नई गाईडलाइन को देखकर तो साफ है कि सरकार ने सिर्फ उन्हीं लोगों की परेशानियों को संज्ञान में लिया है जो मीडिया में दिखाया गया। पर सरकार ने उन लोगों की परेशानियों को दरकिनार कर दिया है जो रोजाना जीवन यापन के लिए दर दर भटकते पैसे कमाते है। और मेहनत से कमाई जमा पूंजी एकत्र करते है। ये पूंजी अब चलन में नही है। उनके द्वारा घर में बचाया हुई मेहनत की कमाई अब रद्दी के नोट से कम नही है।

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