नई दिल्ली: एक हजार और पांच सौ के पुराने नोटों को चलन से बाहर करने के केंद्र सरकार के फैसले को रद्द करने की मांग वाली दो याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट आज सुनवाई करेगा. याचिकाएं इस आधार पर दाखिल की गई हैं कि नोटबंदी का फैसला नागरिकों के जीवन और व्यापार समेत अन्य अधिकारों का उल्लंघन करता है.
दो वकीलों ने दायर की अलग-अलग याचिकाएं
केंद्र की तरफ से जाली मुद्रा और कालेधन को खत्म करने के उद्देश्य से लिए गए फैसले के खिलाफ व्यक्तिगत रूप से अलग अलग जनहित याचिकाएं दाखिल करने वाले दो वकीलों ने दो पीठों के समक्ष अविलंब सुनवाई के लिए अपने मामले को रखा.
जनता का उत्पीड़न हो रहा है- याचिकाकर्ता
उन्होंने आरोप लगाया कि आकस्मिक फैसले ने उथल-पुथल मचा दी है और व्यापक रूप से जनता का उत्पीड़न हो रहा है और वित्त मंत्रालय के आर्थिक मामलों के विभाग (डीईए) की अधिसूचना को या तो रद्द किया जाए या कुछ समय के लिए टाला जाए.
केंद्र ने किया सुप्रीम कोर्ट का रुख
इस तरह की याचिकाओं की संभावना को देखते हुए केंद्र सरकार ने भी सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है. केंद्र ने एक कैवियट दाखिल कर कहा कि कोई भी अंतरिम आदेश जारी करने से पहले अदालत सरकार का पक्ष भी सुने.