उरी हमले के बाद कड़ा रूख दिखाते हुए भारत ने पाकिस्तान को मुंह तोड़ जबाव दिया है। भारत ने फैसला लिया है कि इस्लामाबाद 9- 10 नवंबर को में होने वाले दक्षेष सम्मेलन में भारत भाग लही लेगा। सार्क के नियमों के मुताबिक ये है कि सार्क सम्मेलन नहीं होगा. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप के मुताबिक भारत का मानना है कि क्षेत्रीय सहयोग और आतंक एक साथ नहीं चल सकते.
एएनआई ने विदेश मंत्रालय के हवाले से कहा है कि मौजूदा परिस्थितियों में भारत सरकार इस्लामाबाद में प्रस्तावित सम्मेलन में हिस्सा लेने में असमर्थ है। विदेश मंत्रालय ने सार्क के मौजूदा अध्यक्ष नेपाल को बताया है कि सीमा-पार से आतंकवादी घटनाएं बढ़ी हैं।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘भारत ने दक्षेस के मौजूदा अध्यक्ष नेपाल को अवगत करा दिया है कि क्षेत्र में सीमा पार से आतंकवादी हमलों में वृद्धि और एक देश द्वारा सदस्य देशों के आंतरिक मामलों में बढ़ते हस्तक्षेप ने ऐसा वातावरण बना दिया है जो 19वें दक्षेस सम्मेलन के सफल आयोजन के अनुकूल नहीं है।’ इसमें कहा गया है कि मौजूदा परिदृश्य में भारत सरकार इस्लामाबाद में प्रस्तावित सम्मेलन में शामिल होने में असमर्थ है।