विज़न 2020 न्यूज: उत्तराखंड देश के प्रति वफादारी और बलिदान उत्तराखंड की माटी में कुछ इस कदर घुला है कि चाहे जंग का कोई भी मोर्चा क्यों ना हो वीरभूमि उत्तराखंड के रणबांकुर अपनी जान हंसते-हंसते देकर शहीद हो जाते हैं। अकेले उत्तराखंड रुद्रप्रयाग के 46 रणबांकुर मातृभूमि के स्वाभिमान और सम्मान के लिए अपने प्राणों की आहूति दे चुके हैं। आज भी यहां के कई जवान सीमाओं पर सीना ताने खड़े हैं। भारतीय सेना की ओर से यहां के 35 जवानों को कीर्ति चक्र,सेना मेडल और विशिष्ट सम्मान से नवाजा जा चुका है। आज भी यहां के युवाओं में सेना के प्रति बेहद लगाव है।