भगवान के किन स्वरूपों का दर्शन होगा आपके लिए विनाशकारी

imagesकहते है की किसी भी शुभ कार्य को करने से पहले ईश्वर का दर्शन व उनका नाम लेना बहुत फलदायक होता है। जीवन में सुख-समृद्धि पाने के लिए हमें ईश्वर की एवं घर के बड़ो के आशीर्वाद की बहुत जरुरत होती है। ऐसा माना जाता है की सुबह आँख खुलते ही अगर भगवान के अलौकिक रूप के दर्शन हो जाए तो पूरा दिन मंगलमय जाता है। वैसे तो ईश्वर के रूप का दर्शन करना हमेशा शुभ होता है पर आज हम आपको ईश्वर के कुछ ऐसे रूप बताएँगे जिनके दर्शन करने से या उन्हें घर के मंदिर में रखने से आपके जीवन में अनेक परेशानिया आ सकती है।

ईश्वर की पीठ के दर्शन

कहा जाता है की ईश्वर की पीठ के दर्शन करना अशुभ होता है। खासकर रिद्धी-सिद्धि के दाता जिन्हें हर शुभ कार्य में सबसे पहले याद किया जाता है भगवान  श्री गणेश की पीठ देखने से दरिद्रता हाथ लगती है।

घर के मंदिर में न रखे ये स्वरुप

  • एक ही देवी या देवता के विभिन्न स्वरूपों को  मंदिर में रखना शुभ नहीं होता इसलिए घर के मंदिर में देवी -देवता का एक ही स्वरुप रखे।
  • घर के मंदिर में देवी-देवता का रौद्र स्वरुप भी कभी नहीं रखना चाहिए इससे घर की सकारात्मकता नष्ट होती है। हमेशा शांत और कोमल रूप को ही मंदिर में स्थापित करना चाहिए इससे घर और जीवन में सकारात्मकता बनी रहती है।
  • देवी-देवताओ के विनाशकारी एवं युद्ध में लड़ते हुए स्वरुप रखने से भी आपको अपने जीवन में भयंकर कठिनाइयों का सामना करना पड़  सकता है।
  • घर के मंदिर में शनि देव,भैरव बाबा, राहु-केतु, इनमे से कोई भी मूर्ति नहीं रखनी चाहिए इनकी पूजा के लिए मंदिर ही जाना चाहिए।
  • देवी देवताओ की तस्वीर एक दुसरे से सामने लगाने से आपको हानिका सामना करना पड़ सकता है।

तो आप भी अपने घर के मंदिर में इन स्वरूपों की स्थापना न करे अथवा आपकी भी खुशहाली पर विराम लग सकता है।



 

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