विजन 2020 न्यूज: अगर किसी को कोई बीमारी लग जाए तो वह डॉक्टर के पास जाता है लेकिन छत्तीसगढ़ के कांकोर जिले के ग्रामीण आज भी लोहे की गर्म सलाखों से दगवाकर कई बीमारियों का उपचार करते हैं। यहां की भाषा में इसे ‘आंकना’ कहते हैं। हैरानी की बात तो ये कि रोगी इस उपचार के बाद आराम मिलने की बात कहते हैं, जबकि डॉक्टर इलाज के इस तरीके को काफी खतरनाक व जानलेवा मानते हैं।सूबे के नक्सल प्रभावित कांकेर जिले के हर पांच-दस गांव में एक ऐसा वैद्य मिल जाएगा, जो कथित रूप से आंक कर ही कई रोगों का इलाज करता है। इनमें से ज्यादातर नि:शुल्क सेवा देते हैं। वैद्य रत्ती लकवा, गठिया वात, मिर्गी, बाफूर, अंडकोष, धात रोग, बेमची, आलचा सहित कई अन्य रोगों का इलाज करते हैं। उनके पास छत्तीसगढ़ के साथ ही ओडिशा व महाराष्ट्र से भी लोग आते हैं। हाल ही में टाटानगर जमशेदपुर से भी कुछ पीड़ित इलाज कराने आए थे। वे इस इलाज से आराम मिलने का दावा भी करते हैं।