जकार्ता। इंडोनेशिया के बांदा अकेह प्रांत में सोमवार को एक लड़की और उसके भावी पति को सरेआम कोड़े मारे गए। दोनों की गलती बस इतनी थी कि वे सार्वजनिक स्थान पर साथ घूमने चले गए थे। यहां का कानून शादी से पहले किसी युगल के खुले तौर पर घूमने की इजाजत नहीं देता। पिछले दिनों इस तरह के जुर्म पर तीन लड़के और लड़कियों को सरेआम कोड़े मारे गए।
सभी की उम्र 18 से 25 वर्ष के बीच है। इन्हें 13 से 20 कोड़े मारे गए। सजा बांदा अकेह की अल फुरकोन मस्जिद के बाहर दी गई। कोड़े खाने वाले बिलख रहे थे, लेकिन पहरेदार कानून का पालन करने में जुटे हुए थे।
यहां लागू है शरिया कानून
इंडोनेशिया का अकेह प्रांत दुनिया का एकमात्र ऐसा स्थान है, जहां शरिया कानून का बलपूर्वक पालन कराया जाता है। इसके तहत कोई भी महिला और पुरुष जो पति-पत्नी नहीं हैं, वे सार्वजनिक स्थल पर करीब नहीं आ सकते। उल्लंघन पर सार्वजनिक रूप से कोड़ों से मारा जाता है। इंडोनेशिया सबसे अधिक मुस्लिम आबादी वाला भी देश है। पिछले सितंबर में भी एक अविवाहित युवती को शादी से पहले संबंध बनाने के आरोप में कोड़ों से मारा गया था। यहां शरिया कानून के तहत समलैंगिक सेक्स, जुआं खेलने और अल्कोहॉल के सेवन पर सजा दी जाती है।
2001 में लागू हुआ था
वर्ष 2001 में बांदा अकेह को विशेष स्वायत्तता दी गई थी। तबसे यहां शरिया कानून लागू है।
वर्ष 2014 से यहां इस्लामिक क्रिमिनल कोड लागू है।
शादी से पहले शारीरिक संबंध बनाने पर 100 कोड़े या 100 महीने की जेल की सजा है।
इस वर्ष के शुरू में बांदा अकेह में रात 11 बजे के बाद अकेली महिलाओं के मनोरंजन स्थलों पर रुकने पर पाबंदी लगा दी गई थी। वे सिर्फ अपने पति या परिवार के पुरुष सदस्य के साथ ही मौजूद रह सकती थी।
इसी वर्ष अप्रैल में 60 वर्षीय एक ईसाई महिला को शराब बेचने के आरोप में कोड़े मारने की सजा दी गई थी। हालांकि इस्लामिक कानून गैरमुस्लिमों पर लागू नहीं होता।
अकेह में अविवाहित पुरुष-महिलाओं के एक ही बाइक पर घूमने पर भी पाबंदी है।