ल्वाणी गांव में फिर भू-धंसाव का खतरा: 50 घरों में पड़ी दरारें, लोग दहशत में l

थराली, चमोली: विकासखंड देवाल को लोहाजंग-वाण से जोड़ने वाली महत्वपूर्ण सड़क ल्वाणी गांव के पास पिछले 12 दिनों से बंद पड़ी है। कारण लगातार भू-धंसाव और जमीन धंसने से सड़क का करीब 80 मीटर हिस्सा गायब हो चुका है। इससे न सिर्फ आवाजाही ठप हो गई है, बल्कि गांव के 50 से अधिक मकानों में गहरी दरारें आ गई हैं। ग्रामीण भय और असुरक्षा के माहौल में दिन काट रहे हैं।

गुरुवार को क्षेत्रीय विधायक भूपाल राम टम्टा, एसडीएम पंकज भट्ट, और लोनिवि के अधिकारियों ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। इस दौरान ग्रामीणों ने साफ कहा कि जब तक भू-धंसाव क्षेत्र में सुरक्षा दीवार नहीं बनती, तब तक सड़क खोलने का काम शुरू न किया जाए। विधायक ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सड़क के ऊपर और नीचे तत्काल सुरक्षा दीवार बनाई जाए और भू-धंसाव की रोकथाम के बाद ही सड़क बहाल की जाए।

भू-वैज्ञानिकों की टीम पहुंची सर्वे के लिए

प्रशासन की पहल पर भू-वैज्ञानिकों की एक टीम गुरुवार शाम को ल्वाणी गांव पहुंची, जो पूरे क्षेत्र का सर्वेक्षण कर रही है। भू-धंसाव की जद में आए हर मकान और आसपास की जमीन का मूल्यांकन किया जा रहा है। यदि ट्रीटमेंट संभव नहीं हुआ, तो विस्थापन की कार्रवाई की जाएगी — ऐसा कहना है एसडीएम पंकज भट्ट का।

कई घर रहने लायक नहीं बचे

जिला पंचायत सदस्य उर्मिला बिष्ट ने बताया कि गांव की जमीन लगातार धंस रही है। कई मकान अब इतने क्षतिग्रस्त हो चुके हैं कि रहना जोखिम भरा हो गया है। घरों के आंगन, पीछे की दीवारों और यहां तक कि चलने वाले रास्तों में भी दरारें बढ़ती जा रही हैं।

ग्रामीणों ने कहा कि 2024 में भी इसी स्थान पर सड़क धंसी थी, लेकिन उचित ट्रीटमेंट न होने की वजह से एक साल बाद फिर वही संकट खड़ा हो गया।

बारिश का कहर: मंदिर और स्कूल में गाद भर गई

वहीं लगातार बारिश के कारण पिंडर नदी का पानी दो दिन पहले सरस्वती शिशु मंदिर और बेतालेश्वर मंदिर में घुस गया, जिससे दोनों जगह गाद और मलबा जमा हो गया है। गुरुवार तक भी गाद हटाई नहीं जा सकी थी। विद्यालय में तीन दिनों तक पढ़ाई ठप रही। ग्रामीणों ने नदी किनारे आरसीसी दीवार बनाने की मांग की है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं रोकी जा सकें।

पूर्व व्यापार संघ अध्यक्ष प्रेम बुटोला का कहना है कि अगर समय पर पिंडर नदी से गाद हटाई जाती, तो नदी का तल ऊंचा न होता और आज मंदिर व स्कूल में पानी न घुसता।

क्या है आगे की राह?

भू-वैज्ञानिकों की रिपोर्ट के बाद तय होगा कि गांव का ट्रीटमेंट होगा या विस्थापन।

सुरक्षा दीवार बनाने की मांग पर लोनिवि को तत्काल कार्रवाई के निर्देश।

सड़क बंद होने से 8 ग्राम पंचायतों में जरूरी सामान की किल्लत, प्रशासन वैकल्पिक रास्तों पर विचार कर रहा है।

ल्वाणी गांव पिछले एक दशक से भू-स्खलन की चपेट में है। ग्रामीणों की मांग है कि अब सिर्फ निरीक्षण नहीं, बल्कि स्थायी समाधान की दिशा में ठोस कदम उठाए जाएं।

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