देहरादून : गुरुवार को राजभवन ऑडिटोरियम में गुजरात और महाराष्ट्र राज्य स्थापना दिवस मनाया गया। ‘‘एक भारत-श्रेष्ठ भारत’’ के तहत राजभवन में आयोजित कार्यक्रम में राज्यपाल ने सभी उत्तराखण्डवासियों की ओर से गुजरात और महाराष्ट्रवासियों को राज्य स्थापना दिवस की शुभकामनाएं दी। इस अवसर पर इन दोनों ही प्रदेशों के लोगों द्वारा लोक गीत एवं लोक नृत्य के साथ ही विभिन्न सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं।
राज्यपाल ने अपने संबोधन में कहा कि गुजरात एवं महाराष्ट्र दोनों ही राज्यों का गौरवमयी इतिहास है और इनकी समृद्ध संस्कृति एवं जीवन्त परंपराएं हमारे राष्ट्र का अभिन्न हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि कर्मठ लोगों की भूमि, गुजरात ने सर्वांगीण प्रगति के साथ-साथ अपनी अनूठी संस्कृति के कारण अपनी अलग पहचान बनाई है, जबकि महाराष्ट्र आधुनिक भारत के औद्योगिक विकास की धुरी रहा है। स्वतंत्रता आंदोलन में भी इन राज्यों के निवासियों का अहम योगदान रहा है और वर्तमान में भी भारत की प्रगति में यह राज्य महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
राज्यपाल ने कहा कि आज का यह अवसर केवल दो राज्यों के गठन का स्मरण भर नहीं है, बल्कि यह भारत की विविधता, समरसता और संघीय ढांचे की सजीव अभिव्यक्ति है। उन्होंने आह्वान किया कि हम संघीय एकता और सांस्कृतिक विविधता की उस भावना को और अधिक सशक्त करें, जिसके बल पर हमारा भारत एकजुट है।
राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए सरदार वल्लभभाई पटेल का योगदान अविस्मरणीय है। सरदार पटेल ही वह शिल्पी थे जिन्होंने भारत के स्वतंत्र होने के बाद सैकड़ों रियासतों को एक भारत में समाहित कर ऐतिहासिक कार्य किया। उन्होंने कहा कि निस्संदेह वे केवल लौह पुरुष नहीं थे, बल्कि भारत की आत्मा के रक्षक थे।
राज्यपाल ने कहा कि आज जब हमारा देश ‘विकसित भारत 2047’ की ओर तेजी से अग्रसर है, तब प्रत्येक नागरिक को राष्ट्र सर्वोपरि की भावना से प्रेरित होकर राष्ट्र निर्माण में सहभागिता निभानी होगी। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ का मंत्र हमें यही सिखाता है कि देश की प्रगति सामूहिक प्रयासों से ही संभव है। राज्यपाल ने गुजरात समाज देहरादून एवं महाराष्ट्र मंडल देहरादून द्वारा किए जा रहे सामाजिक कार्यों की सराहना की।
कार्यक्रम में प्रथम महिला गुरमीत कौर, अपर सचिव राज्यपाल स्वाति एस. भदौरिया, वित्त नियंत्रक डॉ. तृप्ति श्रीवास्तव, डॉ. एम.एन. झा, मिहिर राजगुरु, रविंद्र मेहरा, वसुधा वर्मा, डॉ. एन.आर. पटेल, डॉ. निशि भट्ट सहित अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।