राज्यपाल गुरमीत सिंह ने देश व प्रदेशवासियों को दी स्वतंत्रता दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं, कहा आजादी के लिए गौरव सेनानियों का बलिदान कभी भुलाया नहीं जा सकता।

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देहरादून –  राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने देश एवं प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम के ज्ञात व अज्ञात गौरव सेनानियों को याद करते हुए कहा कि देश की आजादी एवं सुरक्षा के लिए दिया गया उनका सर्वाेच्च बलिदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। राज्यपाल ने कहा कि स्वतंत्रता दिवस हमारे अतीत के गौरव की अनुभूति कराने के साथ ही अपने इतिहास से पुनः जुड़ने का अवसर प्रदान करता है। यह हमारे वर्तमान का आंकलन करने और सुगम भविष्य की राह बनाने के बारे में चिंतन करने का अवसर भी है।

राज्यपाल ने कहा कि 21वीं सदी का नया भारत संभावनाओं और सामर्थ्य से भरा हुआ है जो सतत विकास के पथ पर तेज़ी से आगे बढ़ रहा है। विभिन्न क्षेत्रों में तेजी से विकास करते हुए देश ने अंतर्राष्ट्रीय मंच पर अपनी प्रतिष्ठा को बढ़ाया है। हमने स्वतंत्रता के 100 वर्षों अर्थात 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने का संकल्प लिया है, आने वाले अमृतकाल के इन 23 वर्षों में इस लक्ष्य को प्राप्त करने के सभी वर्गों का सहयोग जरूरी है।
राज्यपाल ने कहा कि भारत ने आजादी के इन 77 वर्षों में सभी चुनौतियों का सामना मजबूती से किया है, और भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने की ओर तेजी से बढ़ रहा है। देश की विकास यात्रा के साथ ही नया उत्तराखण्ड भी मजबूत इरादों से निरंतर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है। हमारा प्रदेश आज देश में तेजी से विकास करने वाले राज्यों में से एक है। आर्थिक वृद्धि दर और विकास के कई सूचकांकों में सुधार कर उत्तराखण्ड ने उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं।
राज्यपाल ने कहा की प्रदेश को आगे बढ़ाने के लिए युवा, किसान, मातृशक्ति और उद्यमियों की बड़ी भूमिका रहेगी। प्रदेश के सतत विकास और पलायन को रोकने के लिए कृषि, जैविक खेती, औद्यानिकी, वेलनेस पर्यटन, नवाचार, शोध और नई तकनीक पर विशेष जोर दिया जा रहा है। इन सभी क्षेत्रों के विकास पर फोकस कर हम माननीय प्रधानमंत्री जी के कथन के अनुरूप 21वीं सदी के तीसरे दशक को उत्तराखण्ड का दशक बनाने के पथ पर तीव्र गति से अग्रसर हैं।
राज्यपाल ने कहा कि टेक्नोलॉजी, एआई, स्पेस, साइबर, क्वांटम, रोबोटिक साइंस में अनंत संभावनाएं हैं, इन क्षेत्रों में अपनी पहुंच को और मजबूत करने के प्रयास करने होंगे। राज्यपाल ने कहा कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों के बावजूद भी हमारी मातृशक्ति, प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। उन्होंने कहा कि हमें राज्य में संतुलित विकास तथा राष्ट्र निर्माण के लिए महिलाओं और युवाओं की क्षमता कौशल वृद्धि पर विशेष ध्यान केंद्रित करना है।

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