नई दिल्ली – भारतीय सेना ने दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र लद्दाख में सियाचिन ग्लेशियर में ऑपरेशन मेघदूत के 40 साल पूरे होने के मौके पर एक वीडियो जारी किया है। जिसमें दिखाया गया कि दुर्गम इलाकों में सेना के जवान बड़ी मुस्तैदी के साथ वहां डटे हुए हैं। वीडियो में सफेद चादर से ढके ऊंचे-ऊंचे पहाड़ों पर चढ़ते हुए भारतीय सेना के जवानों को दिखाया गया है। सियाचिन ग्लेशियर में ऑपरेशन मेघदूत के 40 साल के सफर को वीडियो में दिखाया गया है। दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र लद्दाख में सियाचिन ग्लेशियर में फहराए गए तिरंगे को भी साझा किया गया है।
#WATCH | Indian Army releases a video on the occasion of 40 years of Operation Meghdoot in the world's highest battlefield Siachen Glacier in Ladakh. pic.twitter.com/NOcVYr7k5H
— ANI (@ANI) April 13, 2024
ऐसे हुई ऑपरेशन मेघदूत की शुरुआत
पाकिस्तानी जनरलों ने 1983 में सियाचिन पर अपना दावा मजबूत करने के लिए सेना की टुकड़ी भेजने का फैसला किया। भारतीय सेना के पर्वतारोहण अभियानों की वजह से उसे इस बात का डर सताने लगा कि भारत सियाचिन पर अपना कब्जा कर सकता है। इसकी वजह से उन्होंने सबसे पहले अपनी सेना भेजने का फैसला कर लिया। इसके लिए पाकिस्तान लंदन के एक सप्लायर को ठंड से बचने वाले कपड़ों का ऑर्डर दे दिया। लेकिन उन्हें यह नहीं पता था कि वही सप्लायर भारत को भी ठंड से बचने वाले कपड़ों की आपूर्ति करता है।